lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अब तीसरा लिवर ट्रांसप्लांट करने की तैयारी है. पहले दो लिवर ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद केजीएमयू के आर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़ी टीमें उत्साहित हैं. डॉक्टर्स का प्रयास है कि अगले हफ्ते एक और लिवर ट्रांसप्लांट किया जाए. इसके साथ ही केजीएमयू प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं कि ट्रॉमा सेंटर में आने वाले ब्रेन डेड मरीजों का आर्गन भी यही ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इससे लखनऊ व आस पास के मरीजों को फायदा मिलेगा.

 

इसी वर्ष शुरू हुआ ट्रांसप्लांट

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पिछले आठ वर्षो से आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने की तैयारी चल रही थी. इस दौरान आर्गन ट्रांसप्लांट के दो डॉक्टर भी छोड़कर चले गए, जिसके बाद इसी वर्ष 14 मार्च को पहला लिवर ट्रांसप्लांट किया गया. इस मरीज को लिवर को सिरोसिस हुआ था और उसकी पत्नी ने अपना लीवर दान किया था. प्रत्यारोपण का दूसरा मरीज भी सिरोसिस का था. अधिक शराब पीने के कारण उसका लीवर खराब हो गया था. इस मरीज को उनकी पत्‌नी के भाई ने लिवर का हिस्सा दिया था.

 

लिवर नहीं जाएगा दिल्ली

केजीएमयू के अधिकारियों के अनुसार लखनऊ और आस पास में बहुत बड़ी संख्या में मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यक्ता पड़ती है. पिछले कुछ वर्षो में 20 से ज्यादा लिवर केजीएमयू से दूसरे अस्पताल भेजे गए, लेकिन अब जब यहां पर लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो गई तो अब यहीं के मरीजों का ही लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा. उपलब्धता होने पर यह लिवर उन मरीजों को दिए जाएंगे जिनके पास डोनर नहीं हैं.

कैंसर पीडि़त का होगा लिवर ट्रांसप्लांट

केजीएमयू के गैस्ट्रोसर्जन अपने तीसरे लीवर ट्रांसप्लांट की तैयारी में हैं. जल्द ही कैंसर पीडि़त मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा. लिवर ट्रांसप्लांट में लगी टीम के सूत्रों के मुताबिक तीसरा ट्रांसप्लांट इसी माह करने की तैयारी है. लिवर ट्रांसप्लांट करने वाली टीम के लिए यह बड़ी चुनौती होगी. इस तीसरे ट्रांसप्लांट में बेटा अपना लिवर पिता को देकर उनकी जान की रक्षा करेगा. मरीज लखनऊ का ही है. मरीज के कैंसर को देखते हुए टीम तेजी से तैयारी में लगी है और आवश्यक जांचें की जा रही हैं. डोनर के लिए परिवार में सदस्यों की जांच की गयी जिसमें मरीज के 20 वर्षीय छोटे बेटे की फिटनेस सही पायी गयी. प्रत्यारोपण से पूर्व डोनर की जांचें भी हो चुकी है और अब चिकित्सकों की टीम व ओटी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. डॉक्टर्स की मानें तो इस बार भी पूर्व की तरह ही दिल्ली के निजी अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम मौजूद रहेगी.

खास प्वाइंट

  • - 8 लाख खर्च केजीएमयू में
  • - 72 से 80 लाख खर्च प्राइवेट संस्थान में
  • - 45 से 50 हजार को ट्रांसप्लांट की जरूरत
  • - 5000 से 6000 हर वर्ष हो रहा ट्रांसप्लांट
  • - 1000 की मौत यूपी में लिवर न मिलने से
  • - केजीएमयू में तीसरा लिवर ट्रांसप्लांट करने की तैयारी
  • -ब्रेन डेड मरीजों का लिवर भी अब केजीएमयू में ही होगा ट्रांसप्लांट

इस कारण खराब होता है लिवर

शराब का अत्यधिक सेवन, खानपान में लापरवाही, हेपेटाइटिस, मोटापा, लिवर सिरोसिस

 

कोट-

केजीएमयू में अब लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में ब्रेन डेड या लाइव सभी प्रकार के ट्रांसप्लांट यहीं किए जाएंगे.

डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू