-गांव वालों और विधायक के विरोध के बाद प्रशासन ने गांव से वापस किए ताजिये

-विरोध करने वालों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, पुलिस पर भड़के विधायक व गांव वाले

<-गांव वालों और विधायक के विरोध के बाद प्रशासन ने गांव से वापस किए ताजिये

-विरोध करने वालों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, पुलिस पर भड़के विधायक व गांव वाले

BAREILLY: BAREILLY: खजुरिया के रास्ते कलारी और चंदपुर के ताजिए आखिरकार नहीं निकल सके। विधायक और गांव वालों के भारी विरोध को देखते हुए दोपहर बाद ताजिये गांव से ही वापस लौट गए। पुलिस-प्रशासन दिन भर ताजिएदारों को मनाने में लगा रहा। ताजिये के विरोध को लेकर पुलिस ने जब एक पक्ष पर सख्त रवैया अपनाया तो विधायक पप्पू भरतौल का गुस्सा एसपी सिटी अभिनंदन सिंह पर फूट पड़ा। सीनियर अधिकारियों तक मामला पहुंचने पर सभी अधिकारी एरिया से लौट गए। एडीजी जोन प्रेम प्रकाश सुबह से ही एरिया में मोर्चा संभाले हुए थे।

सुबह से ही गांव वाले आ गए आगे

सुबह से ही खजुरिया व आसपास के गांव के लोग विरोध में आ गए थे। गांव वालों ने जुलूस रोकने के पूरे इंतजाम कर लिए थे। खजुरिया गांव के लोगों ने गांव से पहले नदी के पुल से पहले रोड को पूरी तरह से दो ट्राली के जरिए रास्ता रोक दिया था। यहां मिट्टी भरी दोनों ट्राली को पंक्चर कर खड़ा किया गया था, ताकि कोई ताजिया तो दूर बाइक तक न निकल सके। इसी तरह से सिमरा और कंथरिया में भी ट्राली व ट्रक के जरिए रास्ता रोकने की पूरी तैयारी थी। पुलिस भी सभी प्वाइंट पर सुबह से ही तैनात कर दी गई थी। एडीजी, एसएसपी, एडीएम, एसपी व अन्य अधिकारी भी सुबह से विजिट पर थे।

गांव में ही घूमे ताजिये

खजुरिया के रास्ते उमरिया सैदपुर तक कलारी के ताजिए जाने थे। कलारी के ताजिये में ही चंदपुर और डोहरिया के भी कुछ ताजिये शामिल होने थे। कलारी में सुबह से ही ताजिये गांव में घूमने लगे। यहां फोर्स के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सशक्त सीमा बल, पीएसी को भी यहां तैनात किया गया था। गांव के सभी रास्ते पर फोर्स थी ताकि किसी रास्ते से ताजिये निकलें तो पता चल जाए। दोपहर करीब साढ़े फ् बजे तक ताजिये गांव में घूमते रहे। इधर खजुरिया व अन्य गांवों में विधायक के पहुंचने के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी कलारी गांव पहुंचे। यहां पर वर्तमान और पूर्व प्रधान व अन्य लोगों से वार्ता की। जिसके बाद गांव वालों ने ताजिया न निकालने की बात कही और ताजिये वापस गांव में लौट गए। लोगों ने वाहन से जाकर ताजिये को दफन कर दिया। उसके बाद चंदपुर में भी ताजिए गांव में ही वापस लौट गए।