RANCHI:खूंटी के अड़की थाना क्षेत्र स्थित कोचांग में पांच युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को पुलिस ने सुलझा लिया है। सभी पांच लड़कियों से छह युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था, जिनमें दो आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पीडि़त युवतियों ने महिला थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि अड़की के कोचांग बाजार टांड़ स्थित मिशनरी स्कूल के फादर ने अपराधियों के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म करवाया। पुलिस ने षड्यंत्र रचने के जुर्म में फादर अल्फोंस आइंद को भी जेल भेज दिया है। उनपर साजिश रचने व अपराधियों को सहयोग करने का आरोप है। पूरे कांड में सामूहिक दुष्कर्म के छह आरोपितों में शामिल दो आरोपित पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव थाना क्षेत्र के लड़ाउल गांव निवासी अजूब सांडी पूर्ति व पश्चिमी सिंहभूम के ही सोनूआ थाना क्षेत्र के बुड़ुमकेल निवासी आशीष लोंगो को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। दोनों आरोपितों ने स्वीकारोक्ति बयान में अपना जुर्म कबूल लिया है। दोनों आरोपित न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं।

प्रतिशोध में अंजाम

एडीजी ऑपरेशन सह प्रवक्ता आरके मल्लिक ने शनिवार को डीआइजी रांची के कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि षड्यंत्र के तहत प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया गया। पत्थलगड़ी, मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाने के विरोध में ही कुल छह आरोपितों ने सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना को अंजाम दिया। दुष्कर्म के दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं, चार अन्य की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। संवाददाता सम्मेलन में एडीजी ऑपरेशन आरके मल्लिक के अलावा डीआइजी रांची अमोल वी। होमकर व एसपी खूंटी अश्विनी कुमार सिन्हा मौजूद थे।

--------------

ऐसे संदेह के घेरे में हैं फादर

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीडि़त युवतियों ने महिला थाने में जो बयान दिया है, वह चौंकाने वाला है। पांच लड़कियां, चालक सहित चार पुरुष व दो सिस्टर के साथ कुल 11 सदस्य नुक्कड़ नाटक के लिए एक बोलेरो व एक आल्टो कार से 19 जून को दिन के साढ़े ग्यारह बजे अड़की थाना क्षेत्र के कोचांग स्थित बाजारटांड़ पहुंचे थे। वहां मानव तस्करी के विरुद्ध उनका कार्यक्रम प्रस्तावित था। कुछ देर तक नुक्कड़ नाटक किया। भीड़ कम थी, जिसके चलते थोड़ी देर ही कार्यक्रम चला। उनके साथ आई दोनों सिस्टर बगल के चर्च के माध्यम से संचालित स्कूल में चली गई। थोड़ी देर बाद उनका चालक आया और उन्हें कहा कि वे लोग स्कूल में चलें, वहां कार्यक्रम होगा। मना करने पर भी जब लोग नहीं माने तो सभी कलाकार स्कूल में पहुंचे। वहां मौजूद दोनों सिस्टर ने कहा कि स्कूल में भीड़ है, वे लोग वहीं पर कार्यक्रम करें। सिस्टर वहां पर फादर से बात करने लगीं। इसी बीच दो मोटरसाइकिल पर सवार चार लड़के फादर अल्फोंस आइंद के पास पहुंचे और कुछ देर तक बातचीत की। चारों लड़कों में एक के पास कमर में पिस्तौल थी, जिसे देखकर सभी कलाकार डर गए। वहां पर फादर अल्फोंस ने ही सभी युवतियों को कहा कि उन्हें दो घंटे के लिए लड़कों के साथ जाना होगा, वे लड़के उन्हें फिर पहुंचा देंगे। युवतियों ने कहा भी कि वे सिस्टर के साथ आई हैं, सिस्टर के साथ ही जाएंगी। जब सिस्टर जाने को तैयार हुई तो फादर ने उन्हें रोक दिया। युवतियां फादर के पास गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन फादर नहीं माने। उन्होंने लड़कों के साथ जाने का दबाव बनाया। यहां से पांच युवतियां व चार युवकों को जबरन गाड़ी पर बैठाकर अपराधी जंगल ले गए। वहां युवतियों के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म के साथ उनसे अमानवीय व्यवहार करते हुए उनकी अश्लील फोटोग्राफी की गई। लड़कियों के नाजुक अंगों में डंडा डाल दिया गया। अपराधी यह कह रहे थे कि पत्थलगड़ी क्षेत्र में बिना आदेश के वे लोग कैसे आए। अगली बार बिना आदेश के आए तो इससे भी बुरा हाल करेंगे। इसके बाद अपराधी सभी पुरुष कलाकारों से थूक व मूत्र पीने के लिए विवश किया। सभी आरोपितों ने कलाकारों को फिर उसी स्कूल में पहुंचा दिया। शाम करीब पौने छह बजे फादर अल्फोंस आइंद व सिस्टर के पास सभी कलाकार पहुंचे। फादर व सिस्टर ने समझाया कि इसकी सूचना कहीं नहीं देना है। सूचना देने पर उनके पीडि़तों के माता-पिता की हत्या हो जाएगी। इसके बाद सभी अपने-अपने घर लौट गई। इसके बाद पीडि़त युवतियां दूसरे दिन यानी 20 जून को अपनी संस्था में पहुंची तो दोनों सिस्टर व एक अन्य फादर फिर आए और समझाए कि इस घटना की सूचना कहीं नहीं देनी है, नहीं तो पूरा परिवार खतरे में पड़ जाएगा। संस्था ने उनका कहीं इलाज भी नहीं कराया। बाद में पुलिस पहुंची और उनका सदर अस्पताल में इलाज करवाई।

सदमे से बाहर निकालने की हो रही कोशिश :

एडीजी आरके मल्लिक ने बताया कि सभी पांच पीडि़त युवतियों की मेडिकल जांच हो चुकी है। सभी युवतियां सुरक्षित जगह पर हैं, जिनकी कॉउंसिलिंग हो रही है। उन्हें सदमे से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। पुलिस उन्हें सुरक्षा देगी।