-हॉस्टल में दारू मुर्गे की पार्टी, डीजे की धुन पर डांस, विवि अभी कारण ही तलाश रहा

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अराजकता के हालात दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। पीसीबी हॉस्टल में अच्युतानंद शुक्ला की हत्या से पूर्व जो कुछ भी हुआ। उससे कहीं से यह प्रतीत नहीं होता कि हॉस्टल में अब पढ़ाई का माहौल बचा भी है। कितना हास्यास्पद है हॉस्टल में पूर्व महामंत्री की जन्मदिन पार्टी में दारू, मुर्गे की दावत दी जाती है। इसमें शामिल लगभग सभी बाहरी तत्व रात को रंगीन बनाने के लिए खा पीकर टल्ली होते हैं। डीजे की धुन पर देर रात तक खुल्लम-खुल्ला डांस होता है, फिर हत्या होती है और फायरिंग भी। लेकिन विवि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगती। उधर, इतनी बड़ी घटना के बाद भी विवि प्रशासन द्वारा जिम्मेदारों को केवल नोटिस देकर कोरम पूरा कर लिया गया है।

सुपरिटेंडेंट से कारण बताओ, बाकियों से रिपोर्ट

छात्रावास में घटी घटना के बाद कुलपति प्रो। आरएल हांगलू के आदेश पर गुरुवार दोपहर रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला ने विवि के पांच प्रशासनिक अधिकारियों से जबाब-तलब करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। रजिस्ट्रार ने पीसीबी सुपरिटेंडेंट डॉ। विवेक पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया और रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा छात्रावास के वार्डन एवं डीएसडब्ल्यू प्रो। हर्ष कुमार, चीफ प्रॉक्टर प्रो। आरएस दुबे, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर अजय प्रताप सिंह से भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

तो मान लेंगे कहने को कुछ नहीं है

हॉस्टल के सुप्रीटेंडेंट को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा गया है कि ऐसी अप्रिय घटना क्यों घटी? छात्रावास में पहले से सुरक्षा के समुचित प्रबंध क्यों नहीं किए गए? उनसे 48 घंटों के अंदर जवाब मांगा गया है। पीआरओ डॉ। चित्तरंजन ने बताया कि अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो विवि प्रशासन यह मानकर चलेगा कि उनके पास कहने को कुछ नहीं है। ऐसी स्थिति में विवि नियमों के हिसाब से कार्रवाई करेगा।

वर्जन

चीफ प्रॉक्टर को जारी पत्र में उन्हें कहा गया है कि वे जिला प्रशासन के साथ मिलकर गंभीरतापूर्वक काम करें और भविष्य में ऐसे किसी भी अप्रिय घटना की रोकथाम के लिए सुरक्षा के कड़े कदम उठाएं। विवि ने सिक्योरिटी ऑफिसर से इस घटना के कारणों के संदर्भ में जवाब तलब किया है।

-डॉ। चित्तरंजन कुमार, पीआरओ

छात्रावास अधीक्षकों की बैठक में अवैध एवं वैध अन्त:वासियों की सूची शीघ्र मांगी गई है। ऐसे कक्षों को चिन्हित करने को कहा गया है जिन्हें दबंगों के भय से आवंटित नहीं किया जाता। छात्रावास में आवंटन की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण करने को कहा गया है।

-प्रो। आरएस दुबे, चीफ प्रॉक्टर