- किराना व्यापारियों की गिर रही सेल, कागजों में उलझा व्यापार

- जीएसटी बाद कोई किराना प्रोडक्ट ना हुआ सस्ता, पब्लिक की जेब पर भी बोझ

GORAKHPUR: जीएसटी लागू हुए एक साल का समय बीत चुका है, लेकिन किराना व्यापारियों की हालत सुधरने की बजाए बिगड़ती जा रही है। जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने के लिए दुकानदारों को कागजों का पुलिंदा अपने पास रखना पड़ता है। समय से रिटर्न दाखिल करने और तकनीकी समस्याओं से निपटने के लिए उन्हें स्टॉफ की संख्या भी बढ़ानी पड़ी है। साहबगंज किराना मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल सेल में 30 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं आम पब्लिक को भी इसके चलते परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि जीएसटी से महंगाई कम होने के दावों की हवा निकल गई है। हाल ये कि एक साल में ही किचन का बजट काफी बढ़ गया है।

10 से 20 परसेंट बढ़ गए किराना आइटम्स के दाम

प्रोडक्ट 2017 2018

चीनी 36 रुपए 40 रुपए

आटा 19 रुपए 22 रुपए

मैदा 20 रुपए 24 रुपए

रिफाइंड तेल 90 रुपए 100 रुपए

सरसो तेल 95 रुपए 105 रुपए

चना 42 रुपए 46 रुपए

मटर 40 रुपए 44 रुपए

चावल 25 रुपए 35 रुपए

सूजी 18 रुपए 22 रुपए

व्यापार पर कैसे दें ध्यान

किराना के प्रोडक्ट्स पर 5, 12 व 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लिया जा रहा है। साथ ही जीएसटी के बदलते नियमों से व्यापारी काफी उलझन में हैं। हर महीने में जीएसटी का रिटर्न दाखिल करने के लिए कागजों के पुलिंदों में व्यापारी उलझे हुए हैं। जीएसटी की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण सेल्स की डिटेल रखने के लिए उन्हें अपने स्टॉफ की संख्या बढ़ानी पड़ी है। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के कागजों में इतना उलझ जा रहे हैं व्यापार पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

गिर गई साहबगंज मंडी की सेल

जीएसटी के लागू होने के बाद से किराना व्यापार में बदलाव आया है। गोरखपुर का मुख्य बाजार होने के कारण आसपास के सभी एरिया से छोटे दुकानदार साहबगंज मार्केट में पहुंचते थे। लेकिन पिछले एक साल में भटहट, तारामंडल, नौसड़ सहित आसपास के एरिया में भी कई थोक व्यापारियों की दुकानों खुल गई हैं। जिसके कारण आसपास के लोगों का मेन मार्केट में आना कम हो गया है। नतीजा शहर के मेन मार्केट में करीब 30 परसेंट सेल गिर गई है।

कोट्स

पहले एक महीने मं मेरे किचन का खर्च 10 हजार रुपए था। इस समय वही खर्च बढ़कर 12 हजार के करीब पहुंच गया है। जीएसटी के बाद महंगाई कम होने की बजाए बढ़ी है।

जीएसटी लागू होने के बाद से शहर के आसपास थोक दुकानदार बढ़ गए हैं। जिससे हमारे सेल में 30 प्रतिशत की गिरावट हो गई है। हम रिटर्न दाखिल करने में ही उलझे रहते हैं, व्यापार पर ध्यान कहां से दें।

- मनोज, किराना व्यापारी

जीएसटी की वजह से थोड़ी परेशानी तो हो ही रही है। धीरे-धीरे प्रक्रिया की आदत डाल रहे हैं लेकिन व्यापार प्रभावित हो गया है।

- प्रवीण गुप्ता, किराना व्यापारी

जीएसटी लागू होने से पहले बताया गया था कि कुछ प्रोडक्ट सस्ते भी होंगे। लेकिन सभी प्रोडक्ट के दाम बढ़ गए हैं। हमारे लिए घर के खर्च चलाना मुश्किल हाो रहा है।

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