इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केपी ट्रस्ट के बाईलाज में चुनाव पूर्व किए गए संशोधन के मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याची को सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत या निर्वाचित पदाधिकारियों की सूची रजिस्ट्रेशन के समय दाखिल करते वक्त चुनौती की छूट दी है और रजिस्ट्रार नियमानुसार निर्णय लेने को कहा है।

यह आदेश जस्टिस संगीता चंद्रा ने कुमार नारायण की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार याची ने केपी ट्रस्ट के बाईलाज में संशोधन कर लगभग दो हजार सदस्यों को जोड़े जाने को रजिस्ट्रार सोसायटी के यहां चुनौती दी। यह प्रत्यावेदन निस्तारित न होने पर याचिका दाखिल की। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को संशोधन के लिए अपनाई गई प्रक्त्रिया की वैधानिकता पर दोनों पक्षों को सुनने का निर्देश दिया। इसपर रजिस्ट्रार ने सुनवाई कर ली है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि यदि चुनाव संशोधित बाईलाज पर कराया जाता है तो कई योग्य सदस्य चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। साथ ही नए सदस्यों को मताधिकार मिलने से चुनाव परिणाम दूषित होगा। केपी ट्रस्ट के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि चुनाव प्रक्त्रिया प्रारंभ हो चुकी है, ऐसे में उसमें हस्तक्षेप नही किया जा सकता। याची के पास चुनाव परिणाम को चुनौती देने का विकल्प है।