रूट के हिसाब से भाषा का चयन

PRAYAGRAJ: सड़क के किनारे लगे साइन बोर्ड में क्षेत्रीय भाषा का चुनाव उनके रूट के हिसाब से किया गया है। पीडब्लूडी के अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं व यात्रियों के लिए साइन बोर्ड लगाया गया है। जिस रूट पर जो राज्य पड़ रहे हैं। उन पर लगे साइन बोर्ड पर उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करने का प्रयास किया गया है। ताकि प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा दी जा सके। उन्होंने बताया कि वाराणसी की तरफ रोड पर लगे साइन बोर्ड में हिन्दी, अंग्रेजी के साथ ही बांग्ला भाषा का प्रयोग किया गया है। ताकि नार्थ ईस्ट और वेस्ट बंगाल की ओर से आने वाले यात्रियों को साइन बोर्ड पढऩे में आसानी हो। रीवा रोड पर लगे साइन बोर्ड पर हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी के साथ ही दक्षिण भारत की अलग-अलग भाषाओं का प्रयोग किया गया है।

प्रयागराज में पहली बार प्रयोग

साइन बोर्ड पर किए गए भाषाओं के संगम के प्रयोग को लेकर पीडब्लूडी निर्माण खंड चार के अधिशासी अभियंता विपिन पचौरी ने बताया कि इस प्रकार का प्रयोग पहली बार प्रयागराज में किया गया है। कुम्भ में देश के अलग-अलग प्रांत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उनकी सुविधाओं को देखते हुए यह प्रयोगकिया गया है। ताकि उनको अधिक से अधिक सुविधा दी जा सके। सभी क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग संभव नहीं था। ऐसे में कॉमन भाषाओं का अधिक प्रयोग किया गया है।

मल्टी भाषाओं के लगे साइन बोर्ड

- साइन बोर्ड पर क्षेत्रीय भाषाओं को भी दी गई है तरजीह

- साइन बोर्ड पर कुल छह से अधिक क्षेत्रीय भाषाएं हैं शामिल

- बांग्ला, पंजाबी, उडिय़ा, अंग्रेजी, हिन्दी, तेलगू, मलयालम समेत अन्य भाषाओं का किया गया है प्रयोग

- शहर के साथ ही पार्किंग, कैन्टिलिवर बोर्ड, नैनी स्टेशन, छिवकी, प्रयाग, रामबाग व जंक्शन पर लगे बोर्ड पर भाषाओं का हुआ है प्रयोग

- क्षेत्र में 150 से अधिक नए मल्टी भाषाओं के साइन बोर्ड का किया गया है प्रयोग।