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-कुंभ के दौरान टी-शर्ट और टोपी जैसी सामग्री बेचने के लिए एनजीओ और एडवरटाइजिंग कंपनियों को दिया जाएगा मौका

ALLAHABAD: अगले साल होने वाले कुंभ मेला की यादें हमेशा ताजी बनी रहें, इसके लिए खास योजना बनाई गई है। इसके तहत कुंभ का लोगो लगी टी-शर्ट, टोपी, चाबी का गुच्छा या फिर पेन जैसी चीजों को लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाया जाएगा। इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण कुंभ के लोगो का उपयोग बढ़ाएगा। इस सुविधा का लाभ शहर या दूसरे प्रांत की एनजीओ या फिर किसी नामचीन एडवरटाइजिंग एजेंसियों को दिया जाएगा। इन्हें प्राधिकरण की ओर से कुंभ का लोगो बेचने का अधिकार दिया जाएगा।

आरएफपी तैयार, जारी होगा टेंडर

कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद की मानें तो सिर्फ कंपनियों को अपने लोगो के इस्तेमाल का अधिकार बेचकर आय बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसका प्राधिकरण द्वारा आरएफपी यानि प्रस्ताव के लिए अनुरोध तैयार कर लिया गया है। इसके लिए एनजीओ और एडवरटाइजिंग एजेंसियों को आमंत्रित किया जाएगा। टेंडर सितंबर के दूसरे सप्ताह में निकाला जाएगा।

कुंभ के लोगो की खासियत

पिछले साल दिसम्बर महीने में राजभवन में राज्यपाल रामनाइक, सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में कुंभ का लोगो जारी किया गया था।

-लोगो में एक साथ संगम नगरी की पूरी संस्कृति समेटने का प्रयास किया गया है।

-लोगो में संगम को दिखाया गया है, शंखनाद करते हुए साधुओं की तस्वीर और स्वास्तिक का निशान दर्शाया गया है।

-सूक्ति वाक्य सर्वसिद्धि प्रद, यानि सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला कुंभ रखा गया है।

-लोगो की टैगलाइन यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा रखी गई है।

प्राधिकरण तय करेगा रेट

मेला के दौरान कोई भी वस्तु लोगो के साथ एनजीओ या एडवरटाइजिंग एजेंसियां द्वारा बेची जाती हैं तो उसके लिए उनको कीमत भी देनी होगी। अधिकार कितने में बेचा जाएगा इसका निर्धारण प्रयागराज मेला प्राधिकरण की आगामी बैठक में तय किया जाएगा। कुंभ मेला के एसडीएम राजीव राय ने बताया कि अधिकार तय करने के बाद ही उसका टेंडर जारी किया जाएगा।

उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

मेला की अवधि में अगर कोई एनजीओ या एजेंसी बिना अधिकार लिए वस्तुओं की बिक्री अपने स्टॉल से करती पाई गई तो उनके खिलाफ मेला प्राधिकरण कानूनी कार्रवाई भी करेगा। इसके लिए प्राधिकरण की एक टीम बनाई जाएगी, जो मेला एरिया में लगातार मॉनीटरिंग करती रहेगी।

हमारा प्रयास है कि मेले में बिकने वाली वस्तुओं पर कुंभ के लोगो का उपयोग किया जाए। ताकि लोग जब इन वस्तुओं को अपने साथ ले जाएं तो इस लोगो के माध्यम से उनकी यादें ताजा होती रहें। इसके लिए एनजीओ और एडवरटाइजिंग एजेंसयों को अधिकार बेचा जाएगा।

-विजय किरण आनंद, कुंभ मेलाधिकारी