-काशी विद्यापीठ में परीक्षा के दौरान नकल करते पकड़े जाने पर परीक्षा समिति ने की कार्रवाई

-एक ही रोल नंबर की मिली दो-दो कॉपियां सील

-डेढ़ दर्जन शोधार्थियों को अस्थाई शोध की डिग्री को मिली हरी झंडी

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की परीक्षा समिति ने 240 परीक्षार्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया है। ग्रेजुएशन तक की वार्षिक परीक्षा व स्नातकोत्तर की सेमेस्टर परीक्षा में ये परीक्षार्थी नकल के आरोप में पकड़े गए थे। फ्लाइंग स्क्वाड की रिपोर्ट पर सभी परीक्षार्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया गया। वीसी प्रो। टीएन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई परीक्षा समिति की मीटिंग में बलिया के एक सेंटर से एक ही रोल नंबर की दो-दो कॉपियों के मिलने पर संबंधित महाविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल एक ही अनुक्रमांक की आधा दर्जन कॉपियों को जांच पूरी होने तक सील कर दिया गया है।

पकड़े गए थे नकलची

मेडिकल की परीक्षा में बलिया के विभिन्न सेंटर्स से सौ से अधिक नकलची पकड़े गए थे। इसे देखते हुए अब मेडिकल की परीक्षा (बलिया के परीक्षार्थियों की) अब काशी विद्यापीठ कैंपस में ही कराने की सहमति बनी है। इस क्रम में संस्कृत, दर्शनशास्त्र, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास, पत्रकारिता एवं जनसंचार, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, समाज कार्य, शारीरिक शिक्षा तथा ललित कला विभाग के डेढ़ दर्जन शोधार्थियों को अस्थाई शोध की उपाधि प्रदान करने की परीक्षा समिति ने संस्तुति प्रदान कर दी। वहीं एमए व एमएससी (भूगोल) का अलग-अलग रैंक निर्धारित करने संबंधित प्रस्ताव को परीक्षा समिति ने खारिज कर दिया। बैठक में प्रो। नंदलाल, प्रो। रवि प्रकाश पांडेय, प्रो। चतुर्भुज नाथ तिवारी, प्रो। अशोक मिश्रा, प्रो। अजीत कुमार शुक्ल, प्रो। गोपाल नायक, डॉ। अवधेश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ। एसएल मौर्य, असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ। राकेश मिश्रा सहित अन्य मेंबर उपस्थित थे।

एमएससी (सांख्यिकी) के परीक्षार्थियों ने कम मा‌र्क्स मिलने की शिकायत की थी। इस पर परीक्षा समिति ने पहले परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसके बाद पुनर्मूल्यांकन पर विचार किया जाएगा।