-गर्मी में बढ़ जाती है प्रॉब्लम, नहीं मिलती दवा

-ट्रेन के इंतजार पैसेंजर्स को होना पड़ता हलकान

GORAKHPUR:

दुनियां के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर अचानक बीमार पड़ जाएं तो दवा मिलना मुश्किल हो जाएगा। गर्मी के मौसम में अचानक होने वाली बीमारियों के लिए मामूली दवाएं भी नहीं मिल पाती। जंक्शन पर मेडिकल स्टोर्स की कमी से पैसेंजर्स को बाहर भटकना पड़ता है। पैसेंजर्स का कहना है कि इतने बड़े जंक्शन पर कम से कम एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए।

स्टेशन के बाहर से खरीदनी पड़ती दवाएं

गोरखपुर जंक्शन से होकर गुजरने वाली ज्यादातर रेलगाडि़यां विलंब से चल रही है। ट्रेन पकड़ने जंक्शन पहुंचे लोगों को जहां-तहां जगह लेकर ट्रेन के आने का इंतजार करना पड़ रहा है। बेतहाशा गर्मी में खुली शेड के नीचे बैठे यात्रियों को पंखे भी राहत नहीं पहुंचा पा रहे। गर्मी की वजह से यात्रियों की तबियत बिगड़ जा रही। लोगों को बदहजमी, गैस, उल्टी और दस्त की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ज्यादा खाने-पीने से पैसेंजर्स के साथ सफर करने वाले बच्चों की तबियत भी खराब हो जा रही है। ऐसे में अचानक दवा की जरूरत पड़ने पर लोग स्टेशन के बाहर जाते हैं।

ट्रेन में बीमार यात्री को मदद देने का नियम

यात्रा के दौरान पैसेंजर की तबियत खराब होने पर कोच में मौजूद टीटीई को उपचार का इंतजाम करना होगा। यदि टीटीई ने कोई लापरवाही की तो इसकी शिकायत की जा सकेगी। टीटीई के मना करने पर यदि पैंसेजर की मौत हो गई तो उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। यात्री के शिकायत पर अगले स्टेशन पर रेलवे के डॉक्टर को मुहैया कराना होगा। मरीज को दवा उपलब्ध कराकर ही यात्रा प्रारंभ की जाएगी। टीटीई इस संबंध में कंट्रोल रूम को सूचना देकर अवगत कराएंगे।

यात्री मित्र से मांगते दवा

रेलवे स्टेशन पर गंभीर मामलों में ही मदद मिल पाएगी। इसके लिए यात्री मित्र को सूचना देनी पड़ती है। यदि कोई अकेले सफर कर रहा है तो उसके लिए समस्या बड़ी होती है। गंभीर मामलों में यात्री मित्र कार्यालय में मौजूद कर्मचारी रेलवे के डॉक्टर की सुविधा के लिए प्रयास करते हैं। लेकिन छोटी-मोटी बीमारियों और प्राथमिक उपचार के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया नहीं है। प्लेटफार्म पर आने वाली बीमारियों के सामने आने पर लोग यात्री मित्र से दवा मांगते हैं।

केस एक:

कप्तानगंज के रवि कुमार को दिल्ली जाना था। मंगलवार को वह स्टेशन पर पहुंचे। गर्मी की वजह से अचानक उनको डिहाइड्रेशन की शिकायत हो गई। चक्कर आने पर वह प्लेटफार्म पर लेट गए। उनके साथ मौजूद राजेश ने इलेक्ट्राल की तलाश शुरू की तो प्लेटफार्म पर परेशान हो गए। आधे घंटे के बाद बड़ी मुश्किल से वह से दवा लेकर आ सके।

केस दो: दिल्ली के रहने वाले किशन कुमार जरूरी काम से गोरखपुर आए थे। शुक्रवार की दोपहर वह प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के इंतजार में खड़े थे। तभी अचानक उनको गैस की प्रॉब्लम हो गई। प्लेटफार्म पर दवा न मिलने पर उनके साथ मौजूद लोग बाहर गए। वहां से गैस की दवा खरीदकर ले आए।

वर्जन-

गोरखपुर जंक्शन पर काफी भीड़भाड़ रहती है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए यहां पर कम से कम एक मेडिकल स्टोर्स की सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए।

किशन कुमार, पैसेंजर

बच्चों के साथ यात्रा करने के दौरान ज्यादा प्रॉब्लम होती है। खाने-पीने की वजह से बच्चों को दिक्कत आ जाती है। इसलिए यहां पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर खोला जाना चाहिए।

अनिल कुमार, पैसेंजर

इस स्टेशन पर भीड़ खूब होती है। आजकल कई ट्रेन विलंब से चल रही है। इस वजह से यहां पर लोगों को बैठना पड़ रहा है। गर्मी से लोग बीमार पड़ जा रहे हैं।

अभिषेक श्रीवास्त, पैसेंजर

ट्रेन में कोई सुविधा नहीं मिलती है। प्लेटफार्म पर लोग क्या व्यवस्था कर पाएंगे। पैसेंजर्स की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। इसलिए किससे अपना दुखड़ा रोया जाए।

अशोक कुमार, पैसेंजर