मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद शासन ने उठाया कदम
लखनऊ कंट्रोल से लिंक होंगे मेरठ जेल में लगे कैमरे होंगे
Meerut। जेल में बंद कुख्यात बदमाशों की लखनऊ से निगरानी की जाएगी। इसके लिए जेल प्रशासन ने मेरठ जेल के कंट्रोल रूम को लखनऊ कंट्रोल रूम से लिंक करने की तैयारी पूरी कर ली है। जेल अधिकारी का कहना है कि शासन की मंशा के अनुसार कार्य किया जा रहा है। इससे जेल में होने वाली गतिविधियों की भी जानकारी कैमरों में कैद होंगी।
बदमाशों पर नजर
बागपत जेल में पूर्वाचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या को लेकर शासन ने यह कदम उठाया है। अब लखनऊ में बैठे जेल अधिकारी मेरठ जेल पर हो रही गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। जिससे जेल में बंद बदमाशों पर पुलिस नजर रख सके। इससे यह भी पता चलता रहेगा कि किस बदमाश से कौन- कौन मिलने आ रहा है।
जेल में 20 सीसीटीवी
चौधरी चरण सिंह जेल में 20 सीसीटीवी लगे हुए है। इन कैमरों में जेल में आने-जाने वाले सभी कैदी व पुलिस कर्मी कैद होते हैं। इन कैमरों से जेल में मिलाई करने वालों पर भी पैनी नजर रखी जाती है।
लखनऊ कंट्रोल से लिंक
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ। विधु दत्त पांडे का कहना है कि मेरठ की जेल में लगे कैमरों का कंट्रोल रूम बना लिया गया है। अब इसे लखनऊ कंट्रोल रूम से जोड़ने की तैयारी चल रही है।
बंद हैं कई इनामी
चौ.चरण सिंह जेल वेस्टर्न यूपी की सबसे अतिसंवेदनशील जेलों में गिनी जाती है। पिछले पांच सालों में इस जेल में आगजनी, हत्या, जेल ब्रेक, जेलर व जेल के डॉक्टर की हत्या, जेल में सुंरग, मोबाइल फोन से धमकी देने जैसे कई बड़े मामले सुर्खियां बन चुके है। इसके साथ मेरठ जेल में सुशील मूंछ के बेटे टोनी समेत कई इनामी बदमाश भी सजा काट रहे है।
दो साल पहले
शासन ने जेल पर नजर रखने के लिए दो साल पहले जेल के पांच गेटों पर बीस बड़े सीसीटीवी लगाए थे। इनसे जेल में हो रही गतिविधियों पर पूरी तरह से निगरानी रखी जाती है।
यह है स्थिति
2957 कैदी
1 वरिष्ठ जेल अधीक्षक
1 जेलर
3 डिप्टी जेलर
102 बंदीरक्षक
25 होमगार्ड
14 पीएसी जवान
20 सीसीटीवी कैमरे
1 हाई सिक्योरिटी बैरक
18 कैदी हाई सिक्योरिटी बैरक में
1 जैमर
4 गेट
1 डॉक्टर
तैयारियां पूरी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ। विधु दत्त पांडे ने बताया कि मेरठ जेल में लगे सीसीटीवी को लखनऊ जेल में स्थित कंट्रोल रूम से लिंक करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। शीघ्र ही मेरठ जेल में लगे सीसीटीवी को लखनऊ कंट्रोल रूम से लिंक कर दिया जाएगा।
मेरठ जेल की बड़ी घटनाएं
नवंबर 2017
जेल से बैंक लूट का मुल्जिम संदीप जेल ब्रेक करके फरार हो गया। अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
अप्रैल 2012
जेल में बंदियों और जेल प्रशासन के बीच टकराव हुआ था। इसके बाद बंदियों ने मुख्य गेट को सिलेंडर से उड़ाने और जेल ब्रेक करने का प्रयास किया था। कई बंदीरक्षक और अधिकारी घायल हुए थे।
मार्च 2010
मेरठ जेल से नौ कैदी दीवार फांदकर फरार हुए थे। पुलिस उन्हें अभी तक पकड़ नहीं सकी है। इसके बाद जेल की दीवार को और ऊंचा कराया गया और बाहर एक अन्य दीवार का निर्माण कराया गया।
जून 2007
मेरठ जेल ब्रेक की कोशिश हुई थी। तब शातिर अपराधियों ने 40 फुट लंबी सुरंग खोद डाली थी। अगर समय रहते जेल कर्मियों की नजर न पड़ी होती तो सैकड़ों कैदी फरार हो जाते।
जनवरी 2007
तत्कालीन डीआईजी जेल एमएल प्रकाश 100 से भी ज्यादा बंदीरक्षकों की टीम के साथ मेरठ जेल में आकस्मिक निरीक्षण के लिए आए तो बंदियों ने उन पर हमला बोल दिया।
खूंखार अपराधी
यहां बंद अपराधियों के गुर्गे जेल के डॉ। हरपाल सिंह, डिप्टी जेलर नरेंद्र द्विवेदी समेत आधा दर्जन बंदीरक्षकों को मौत के घाट उतार चुके है।