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KANPUR : बिरहाना रोड में लाला जुगुल किशोर ज्वैलर्स के बंद पड़े शोरूम से अरबों रुपये की ज्वेलरी चोरी करने का मामला सामने आया है। शोरूम के पार्टनर ने अपने चाचा और कर्मचारियों पर चोरी का आरोप लगाते हुए फीलखाना थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

चार बेटे देखते थे शोरूम

स्वरूपनगर नगर निवासी रुचिर रस्तोगी दिवंगत सर्राफा कारोबारी लाला जुगुल किशोर के पौत्र हैं। लाला जुगुल किशोर ने बिरहाना रोड पर लाला जुगुल किशोर ज्वैलर्स नाम से शोरूम खोला था। जुगुल किशोर के चार बेटे कमल, राज किशोर, पंकज और अंबुज हैं। लाला जुगुल के बाद बेटे शोरूम में बैठते थे। रुचिर के पिता राज किशोर हैं। रुचिर के मुताबिक, वह और उनके चाचा पंकज शोरूम में पार्टनर हैं। 2013 में पारिवारिक विवाद होने पर शोरूम बंद हो गया था। उस समय शोरूम में 100 किलो सोना, 500 किलो चांदी, 10 हजार रैक हीरा और पांच हजार रैक जेवरात थे। जिनकी कीमत वर्तमान समय में अरबों रुपये है।

मामला कोर्ट में विचाराधीन

रुचिर के मुताबिक, मामला कोर्ट में विचाराधीन होने से शोरूम को खोला नहीं गया। उन्होंने गोविंद नगर में आर लाला जुगुल किशोर ज्वैलर्स नाम से जबकि उनके चाचा पंकज ने बिरहाना रोड में ही शोरूम खोल लिया। दूसरे चाचा अंबुज लखनऊ शिफ्ट हो गए। रुचिर का आरोप है कि उनको 17 अक्टूबर को विवादित शोरूम के आसपास लोगों ने चोरी होने की जानकारी दी। बताया कि तीन से चार दिन पहले शोरूम को खोलकर जेवरात निकाले गए हैं। शोरूम में शटर में नए ताले पड़े हैं। जिसे देख उन्होंने चाचा पंकज, अंबुज, कर्मचारी मोहित और केतन पर शोरूम से सारे जेवरात चोरी करने का शक जताते हुए थाने में तहरीर दी।

शोरूम के ऊपर फ्लैट में रहता है एक आरोपी

रुचिर के मुताबिक विवादित शोरूम के ऊपर फ्लैट में आरोपी मोहित रस्तोगी रहता है। रुचिर का कहना है कि उनके आरोपी चाचा पंकज और अंबुज का खास कर्मचारी मोहित है। उनको शक है कि चाचाओं ने मोहित और केतन के साथ ही मिलकर शोरूम को खोलकर जेवरात पार किए हैं। मोहित शोरूम के ऊपर फ्लैट में रहता है। इसके चलते उसको वारदात को अंजाम देने में कोई परेशानी नहीं आई।

हाईकोर्ट के आदेश का हवाला

एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल के मुताबिक इस शोरूम को लेकर 2013 में कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक सील करने का आदेश दिया था। आरोपी पंकज और अंबुज का कहना है कि उन्होंने यह शोरूम सुषमा कंस्ट्रक्शन फर्म के नाम पर खरीद लिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शोरूम पर कब्जा की दलील दी है, लेकिन शोरूम पर कब्जा करने से पूर्व पुलिस को जानकारी नहीं दी थी।

 

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