-सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद व एमपी मिश्रा की अदालत में किया सरेंडर

-झारखंड हाई कोर्ट से इलाज के नाम पर मिली थी प्रोविजनल बेल

-प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने से इन्कार कर सरेंडर का दिया था निर्देश

रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद व एमपी मिश्रा की अदालत में सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जेल प्रशासन ने उनकी स्थिति को देखते हुए रिम्स भेज दिया है। जहां जेल की अभिरक्षा में उनका इलाज चलेगा। लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से इलाज के नाम पर प्रोविजनल बेल मिला था। सबसे पहले उन्हें 11 मई को प्रोविजनल बेल मिला था। इसके बाद अलग-अलग तारीख पर बढ़ता रहा। झारखंड हाई कोर्ट ने 24 अगस्त को उनकी प्रोविजनल बेल अवधि बढ़ाए जाने को लेकर दाखिल आवेदन पर सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने से इन्कार कर दिया था। साथ ही लालू प्रसाद को 30 अगस्त तक निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। इसके बाद लालू ने निर्धारित तिथि के भीतर सरेंडर कर दिया। बताते चलें कि 17 मार्च को लालू प्रसाद यादव बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से इलाज के लिए रिम्स भेजे गए थे। उन्हें 28 मार्च को एम्स भेजा गया था। जहां से वो 30 अप्रैल को रिम्स वापस लौटे थे। 10 मई को उनके बेटे की शादी के लिए पैरोल मिला, जिसके बाद 16 मई को हाई कोर्ट से उन्हें इलाज के प्रोविजनल बेल मिला था।

चार मामलों में सुनाई गई है सजा

लालू प्रसाद चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता हैं। इसमें उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई गई थी। इसमें चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े अलग-अलग दो मामलों में उन्हें 5- 5 साल की सजा मिली थी। इसमें से एक मामले में वे स्थायी जमानत पर हैं, जबकि दूसरे में प्रोविजनल बेल पर। इसके अलावा देवघर और दुमका कोषागार मामले में वे सजायाफ्ता हैं। उन्होंने चाईबासा के एक, देवघर व दुमका कोषागार से अवैध निकासी के तीनों मामलों में सरेंडर किया है।

डोरंडा मामले में चल रहा ट्रायल

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद ट्रायल फेस कर रहे हैं। इस मामले की सुनवाई भी रांची के सीबीआइ के विशेष कोर्ट में चल रही है। मामले में सीबीआइ की ओर से गवाही की प्रक्रिया निरंतर जारी है। इस मामले में लालू प्रसाद को सरेंडर करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस मामले में वे स्थाई जमानत पर हैं।

मोबाइल के जरिये पटियाला कोर्ट का समन दिखाया

लालू के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में ईडी से जुड़े के एक मामले में समन किया गया है। इसकी कॉपी लालू ने कोर्ट को भी मोबाइल के जरिये दिखाया। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार के मुताबिक इस समन के लिए पटियाला हाउस कोर्ट को रांची के कोर्ट में सरेंडर संबंधित प्रमाण पत्र भेजा जाएगा।

सरेंडर पीटिशन में मांगी थी मेडिकल सुविधा

लालू ने कोर्ट को दिए सरेंडर पीटिशन में मेडिकल सुविधा की मांग की थी। जिसमें कहा था कि जेल प्रशासन को निर्देश किया जाए कि मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जाए। चूंकि उन्हें कई गंभीर बीमारियां है। अर्जी को देखते हुए जेल प्रशास ने उन्हें रिम्स भेज दिया।

कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सुबह आठ बजे से ही कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई थी। कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला जारी था। कोर्ट परिसर में बिहार झारखंड के राजद नेताओं की भीड़ जुटी थी। एसएस प्रसाद की अदालत सीबीआइ भवन के पहले मंजिल पर है। जहां हर किसी को जाने से पुलिसकर्मी रोक रहे थे। नीचे के गेट को बंद कर ऊपर जाने से रोक लगा दी गई थी। मौके पर कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल, इंस्पेक्टर श्यामानंद प्रसाद सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे।

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