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आगरा का जिला अस्पताल परिसर मंगलवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। जमीनी विवाद में टकाराव के बाद दोनों पक्षों को मेडिकल कराने लाई पुलिस के सामने ही एक पक्ष ने फायरिंग कर दी। थाने पर ऐलान देकर आए एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के युवक को गोली मार दी। गंभीर हालत में युवक को प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। दिनदहाड़े दुस्साहसिक घटना स ेअस्पताल मं ेभगदड़ मच गई। हमलावर हथियार लहराते भाग निकले। इस दौरान उनकी एक गाड़ी मौके पर छूट गई।

जमीन पर कब्जे का विवाद

कागारौल के अकोला निवासी दीपक चाहर और कृपाल सिंह के बीच एक बिसवा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। दीपक पक्ष के मुताबिक मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे कृपाल सिंह अपने पुत्र अमित उर्फ बॉबी के साथ पहुंचा। जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करने लगा। इसे लेकर दोनों पक्ष में विवाद हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस कृपाल सिंह, उसके पुत्र अमित और दीपक चाहर को थाने ले आई।

दीपक का रिश्तेदार मनोज उसकी पैरवी में गया। तो उसे भी बैठा लिया। मामला थाने पहुंचने पर दूसरे पक्ष के लोग वहां पहुंचे थे। उन्होंने जमीन कृपाल सिंह को देने को कहा. साथ ही राजीनामा करने का दबाव बनाने लगे। दीपक पक्ष द्वारा मना करने पर वह देख लेने की धमकी देकर चले गए। पुलिस ने चारों का शांति भंग में चालान कर मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। उनके पीछे दोनों पक्ष के लोग भी अस्पताल आ गए।

दीपक पक्ष के मुताबिक कृपाल सिंह पक्ष का राकेश चाहर जो कि प्राथमिक शिक्षक संघ का जिलाध्यक्ष है, अपने भतीजे विवेक समेत आठ-दस लोगों के साथ पहल ेस ेजिला अस्पताल म ेंमाजैदू था। दोनों पक्षों का आमना-सामना होते ही दोबारा विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि राकेश चाहर आदि ने तमंचों से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी । मनोज के भाई अजय की गर्दन में गोली मार दी और भाग निकले । उनकी एक कार मौके पर ही छटू गई । कई थानों की पुलिस माकैे पर पहुंच गई।

दोनों पक्ष में हुई थी मारपीट

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों पक्ष के बीच अस्पताल परिसर में जमकर गुत्थमगुत्था हुई थी। दीपक पक्ष ने हमलावरों को जमीन पर पटक दिया। इसके बाद राकेश आदि ने तमंचों से दनादन फायरिंग शुरू कर दी। 

मौके पर तमाशा देखती रही पुलिस

हमलावरों ने जिस समय जिला अस्पताल परिसर में फायरिंग शुरू की, वहां लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी मौजूद थे। इसके बावजूद दूसरे पक्ष ने जमकर गोलियां चलाईं। किसी भी पुलिसकर्मी का साहस नहीं हुआ कि वह उन्हें घेराबंदी करके पकड़ सके। दहशत के चलते मरीजों के तीमारदारों ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी का दरवाजा बंद कर लिया।

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