Left behind the memories of a lifetime

-सितार की सरगम और लोक संगीत के साथ बिहार दिवस हुआ सम्पन्न

-केरला समुद्रा ग्रुप ने कास्मिक शिवा डांस को किया प्रेजेंट

PATNA (24 March) : सितार की सरगम, क्लासिकल डांस की लय और लोक गाथाओं से सजी-बसी शाम से बिहार दिवस का समापन शानदार रहा। सभी कलाकार दर्शकों की खचाखच भीड़ और उनकी तालियों से बिहार दिवस की यादों को दिल में सहेज गए। बिहार के गवर्नर डॉ डीवाई पाटिल ने समापन समारोह में इस अवसर पर कलाकारों के टैलेंट की तारीफ की। एसके मेमोरियल हॉल में जब केरला समुद्रा ग्रुप ने कास्मिक शिवा डांस प्रेजेंट किया तो शिव और शिव-गाथा जीवंत हो उठी। कभी शांत तो कभी उग्र भाव-भ्ागिमा दिखी इसके बाद ओडिसी डांसर अरूणा मोहंती की ओडिसी में साथी कलाकारों ने माइथॉलजी को स्टेज पर बड़े भव्य तरीके से प्रेजेंट किया। इस शाम के अंत में शुजाअत खान ने सितार की ऐसी तान छेड़ी कि दर्शकों के दिलों में खुशी के तार बज उठे।

छू लिया मन को

बिहार की माटी की खुशबू बिहार की लोक गाथाओं और लोक संगीत में बसती है। यह बात एक बार फिर सच हो गई कि जब रविंद्र परिषद् में मनोरंजन ओझा और भरत शर्मा के द्वारा भोजपुरी लोक संगीत को प्रेजेंट किया गया और पे्रमचंद रंगशाला में सती बेहुला और रेशमा-चुहरमल पर बेस्ड दो नाटकों का मंचन भी शानदार रहा।