अगस्त 2007 का है मामला, उत्तरकाशी के पुरोला तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते रंगे हाथ विजिलेंस ने किया था गिरफ्तार

DEHRADUN: सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर उत्तरकाशी के पुरोला तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार लेखपाल को विशेष न्यायाधीश विजिलेंस आरके खुल्बे की अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। निदेशक विजिलेंस ने ट्रैप टीम को दस हजार रुपये इनाम देने की भी घोषणा की है।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए मांगी थी आर्थिक मदद

विजिलेंस की ओर से पैरवी करते हुए सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता बसराज सिंह की पत्नी पार्वती का आठ मई 2007 को निधन हो गया। बसराज गरीब था और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत आर्थिक मदद के लिए समाज कल्याण विभाग से फार्म लेकर हलका लेखपाल मेहर गांव तहसील पुरोला उत्तरकाशी भगत सिंह रावत पुत्र हुकुम सिंह रावत निवासी ग्राम किसना पोस्ट बड़कोट उत्तरकाशी के पास पहुंचा। लेखपाल ने इस काम के लिए उससे दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जब सौदा एक हजार रुपये में तय हो गया तो लेखपाल ने रुपये लेकर तीन अगस्त 2007 को उसे अपने कार्यालय में बुलाया। पुरोला तहसील स्थित कार्यालय में रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मामले में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।