- अब मुल्लाखेड़ा गांव में सामने आया तेंदुआ

- किसान पथ के नीचे पानी के निकासी के लिए बिछाई गई पाइन लाइन में मौजूद है तेंदुआ

- इसी साल जनवरी में राजधानी के ठाकुरगंज में और फरवरी में आशियाना औरंगाबाद में सामने आया तेंदुआ

LUCKNOW:

वन विभाग में उस समय हड़कम्प मच गया जब यहां के अधिकारियों को राजधानी के बार्डर पर स्थित मुल्लाखेड़ा गांव में तेंदुआ देखे जाने की सूचना मिली। आनन-फानन में डीएफओ अवध अपने कर्मचारियों के साथ गांव की ओर रवाना हुए। तेंदुए को पकड़ने के लिए फिलहाल पिंजड़ा लगा दिया गया है। 18 घंटे बाद भी तेंदुआ अब तक वन विभाग की टीम की पकड़ से दूर है।

पाइप में छिपा है तेंदुआ

गोसाईगंज के मुल्लाखेड़ा गांव के निकट से गुजर रहे किसान पथ के नीचे पानी की निकासी के लिए पाइप पड़े हैं। इस पाइप की गहराई लगभग 35 से 40 फिट है। सोमवार को मुल्लाखेड़ा निवासी आनंद कुमार अपने तीन अन्य साथियों के साथ मजदूरी के काम की तलाश में यहां से गुजरे। इसी दौरान उन्हें किसी जानवर के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर वह पाइप के पास पहुंचे और उसमें पत्थर मारने लगे तो आवाज तेज हो गई। ऐसे में डर के मारे उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस

मौके पर पहुंची पुलिस ने उस पाइप का वहां पर मौजूद एक जेसीबी से मुंह बंद कर दिया, जिससे जो भी जानवर मौजूद हो वह अंदर ही रहे। यह पाइप एक तरफ पहले ही मिट्टी से बंद पड़ा था।

पुलिस ने वन विभाग को सूचना

पुलिस ने इस बात की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। डीएफओ अवध मनोज सोनकर अपनी टीम के साथ दोपहर 12 बजे वहां के लिए रवाना हुए। वहां पहुंच कर उन्होंने भी आवाज सुनी और चिडि़याघर की टीम से मदद की गुहार लगाई। बीमारी के कारण छुट्टी पर चल रहे चिडि़याघर के डिप्टी डायरेक्टर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ। उत्कर्ष शुक्ला शाम को पांच बजे मौके पर पहुंचे। हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए चिडि़याघर प्रशासन ने दो अन्य चिकित्सकों के साथ पिंजरा सुबह रवाना कर दिया था।

तेंदुए की पुष्टि

डॉ। उत्कर्ष शुक्ला ने मौके पर पहुंच कर टार्च मारकर जब उस पाइप में झांका तो तेंदुआ होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्होंने उस पाइप के मुंह पर पिंजरा लगवाया। इसके बाद मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारियों ने पिंजरे के इर्द-गिर्द पटाखे भी छुड़ाए लेकिन तेंदुआ बाहर नहीं आया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुए की अनुमानित उम्र तीन साल और वजन लगभग 50 किलो से अधिक है।

70 दिनों में दिखा तीसरा तेंदुआ

मुल्लाखेड़ा में तेंदुए के देखे जाने से सिर्फ इस गांव में नहीं आस-पास के सभी गांवों में लोग परेशान है। शाम को ही लोग अपने घरों में कैद हो गए। पिछले तीन महीनों से राजधानी में लगातार तेंदुआ सामने आ रहा है। 70 दिन के अंदर तीसरा तेंदुआ दिखने से वन विभाग के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए हैं। इसके पहले बीती 13 जनवरी को राजधानी के ठाकुर गंज इलाके में स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल (मूक बधिर बच्चों के लिए) में सामने आया जिसे दिन भर की मेहनत के बाद रात साढ़े सात बजे पकड़ा गया। उसके बाद जीते 15 फरवरी को आशियाना औरंगाबाद में तेंदुआ सामने आया। इस तेंदुए ने वन विभाग और पुलिस को खूब छकाया। 17 फरवरी को पुलिस ने इस तेंदुए को मार दिया।

अब तक पूरी नहीं हुई जांच

आशियाना औरंगाबाद में आशियाना के एसएचओ त्रिवेणी सिंह ने तेंदुए की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इससे वन विभाग की टीम ने उन पर जांच बिठा दी। इस मामले की जांच वन विभाग कर रहा है। मामले की जांच 15 दिन में पूरी की जानी थी जो अब तक नहीं हो सकी।

दोनों महकमों के बीच टसन

वन विभाग और पुलिस की टीम में तेंदुआ दिखने के बाद आज कोआर्डीनेशन का अभाव दिखा। वन विभाग के अधिकारियों के कहने के बावजूद पुलिस वाले उनकी कोई बात मानने को तैयार नहीं हो रहे थे। मीडिया को देखकर पुलिस वालों ने वन विभाग का साथ देना शुरू किया।

फिर जमा हो गई भीड़

मुल्लाखेड़ा गांव में तेंदुआ निकलने की खबर आस-पास के सभी गांव में फैल गई। देखते ही देखते मौके पर एक से दो हजार लोगों की भीड़ जमा हो गई। कई लोग दूर खड़े होकर पाइप लाइन की तरफ पत्थर भी फेंक रहे थे। पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ा।

तेंदुए को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग से यहां पर फोर्स की मांग की गई है जिससे रेस्क्यू आपरेशन में किसी तरह की दिक्कत ना आए। तेंदुए पर किसी को गोली चलाने की छूट नहीं है।

के प्रवीण राव, मुख्य वन सरंक्षक

वन विभाग