-स्वतंत्रता दिवस पर सबके साथ मिल कर राष्ट्रीय ध्वज फहराइए और राष्ट्र गान गाइए
-National flag फहराने के साथ flag code का भी रखें ध्यान
VARANASI: शुक्रवार को इंडिपेंडेंस डे है। छुट्टी वाला दिन मानकर इसे अपनी तरह से सेलिब्रेट करने का प्लैन भी आपने बनाया होगा। इस दिन को खूब एंजॉय कीजिए लेकिन सबसे पहले आजादी का जश्न मनाइए। वह भी ढेर सारे लोगों के साथ। अगर थोड़ा भी आलस आए तो अपने देश की आजादी की जंग को याद कीजिएगा। जिसमें हजारों देश भक्तों ने अपनी जान कुर्बान की थीं। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, असफाक उल्ला खान, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मी बाई और भी ढेरों भारत माता के सपूत उसे अंग्रेजी हुकूमत की बेडि़यों आजाद कराने के लिए खुद को बलिदान कर दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बालगंगाधर तिलक, सरदार वल्लभ समेत तमाम महान हस्तियों ने देश को अपने खून से सींचा है। आज भी देश पर कुर्बान होने वाले जवानों को तिरंगे में लिपटने का गौरव मिलता है।
हर जगह फहराया जाता है तिरंगा
वैसे तो इस दिन लोग अपने घरों पर झण्डा फहराते हैं लेकिन सिर्फ इतने से देश के लिए आपका कर्त्तव्य पूरा हो गया यह समझना गलत है। उस स्थान पर जाइए जहां लोग समूह में ध्वजारोहण कर रहे हैं। झण्डे को सलामी दे रहें और राष्ट्रगान गा रहे हैं। ऐसी जगह ढूंढने के लिए आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा। इंडिपेंडेंस डे पर हर गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑफिस के साथ, स्कूल, कॉलेज, कालोनियों, सोसायटी के कार्यालय आदि कई जगहों पर तिरंगा फहराया जाता है। राष्ट्रगान भी गाया जाता है। बस वहां पहुंच जाइए और खुद के इंडियन होने पर प्राउड फील कीजिए। इसके साथ ही तिरंगा और राष्ट्रगान का सम्मान कीजिए और दूसरों को इसके लिए प्रेरित कीजिए।
फ्लैग कोड का रखें ध्यान
क्। राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ हाथ से बने ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी का हो।
ख्। किसी भी तरह से गलत छपा हुआ या खराब झंडा नहीं यूज किया जा सकता।
फ्। किसी भी स्थिति में झंडे को कमर से नीचे नहीं फहराया जाना चाहिए।
7. तिरंगे को ऐसी जगह पर फहराया जाना चाहिए जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे।
ब्। झंडा खराब हो जाता है या फट जाता है तो उसे कहीं भी नहीं फेंक देना चाहिए।
भ्। खराब या फटे झंडे को एकांत में पूरे सम्मान के साथ जमीन में गाड़ना चाहिए।
म्। तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाना चाहिए। सूर्यास्त के समय तिरंगे का उतार लेना चाहिए।
प्लास्टिक के झण्डे का न करें यूज
इंडिपेंडेंस डे पर प्लास्टिक के झण्डे का बिल्कुल यूज मत कीजिए। यह कई दिनों तक नष्ट नहीं होते हैं। लोग इसे फेंकते देते हैं। इंडिपेंडेंस डे के बाद अक्सर प्लास्टिक के झण्डे नाली-सीवर में नजर आते हैं। रोड पर बिखरे रहते हैं। जिस तिरंगे को सिर-माथे लगाया जाना चाहिए वह लोगों को पैरों तले कुचला जाता है। यह अपने फ्लैग और अपने देश का अपमान है। जाने-अनजाने ऐसी गलती करने बचना जरूरी है।
तय है राष्ट्रीय ध्वज की साइज
फ्लैग कोड में झंडे की साइज को नंबरों से चिह्नित किया गया है। इसकी लंबाई और चौड़ाई का एक निश्चित रेशियो है। दी गई लंबाई और चौड़ाई से हट कर झंडे का निर्माण अपराध है।
नम्बर लंबाई चौड़ाई (सेमी में)
क् म्फ्00Xब्ख्00
ख् फ्म्00Xख्ब्00
फ् ख्700Xक्800
ब् क्800Xक्ख्00
भ् क्फ्भ्0X900
म् 900Xम्00
7 ब्भ्0Xफ्00
8 ख्ख्भ्Xक्भ्0
9 क्भ्0Xक्00