RANCHI : अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय को बार-बार जाति प्रमाणपत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। झारखंड में उनका स्थायी जाति प्रमाणपत्र बनेगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को विधानसभा में इसका एलान किया। वे सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के एक सवाल का उत्तर दे रहे थे। आलमगीर आलम ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत मिलने वाले प्रमाणपत्रों में हो रही देरी की ओर सरकार का ध्यान दिलाया था।

ओबीसी में है तकनीकी अड़चन

मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी को स्थायी जाति प्रमाणपत्र देने में तकनीकी अड़चन है। इसमें क्रीमी लेयर के तहत कुछ जातियां आती हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में बहाली चल रही है। ऐसे में लोग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन दे रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार किसी को ब्लाक आफिस का चक्कर लगाने को मजबूर नहीं करेगी।

घर पर पहुंचेगा सर्टिफिकेट

बिचौलियों को समाप्त करने के लिए सरकार ने पंचायत स्वयंसेवकों के माध्यम से घर तक प्रमाणपत्र पहुंचाने की व्यवस्था की है। फौरी राहत देते हुए सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि कोई भी व्यक्ति शपथपत्र के माध्यम से जाति, आय व अन्य प्रमाणपत्र दे सकता है। दो माह के भीतर उसे ब्लाक कार्यालय से बना हुआ प्रमाणपत्र देना होगा। झामुमो के स्टीफन मरांडी ने आग्रह किया कि आनलाइन प्रमाणपत्र में दिक्कतें आ रही हैं। सरकार इसकी मैन्युअल व्यवस्था भी कराए।

----------