- विदेश भ्रमण के बाद चीफ सेक्रेटरी ने एलआरटी प्रस्ताव को दी मंजूरी

- अब औपचारिकताओं के लिए सीएम, उसके बाद कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

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DEHRADUN: मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत दून से हरिद्वार व ऋषिकेश तक मेट्रो की तर्ज पर लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) दौड़ेगी। चीफ सेक्रेटरी द्वारा संस्तुति के बाद प्रोजेक्ट को फाइनल अप्रूवल के लिए सीएम की मंजूरी के बाद कैबिनेट में रखा जाएगा। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के नेतृत्व पिछले दिनों मेट्रो के ऑप्शन के रूप में विदेशी टेक्नोलॉजी की स्टडी करने एक डेलीगेशन गया था। डेलीगेशन की स्टडी रिपोर्ट के बाद मेट्रो की जगह एलआरटी चलाने की योजना तय की गई है।

कैबिनेट में रखा जाएगा प्रपोजल

दून में यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में मेट्रो को विकल्प के रूप में लेते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। पूर्ववर्ती सरकार ने मेट्रो संचालन पर मंजूरी दी थी, जिसके बाद उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन का गठन किया गया। पिछले वर्ष से सरकार बदलने के बाद मेट्रो प्रोजेक्ट पर लगातार कसरत की जा रही है। मेट्रो प्रोजेक्ट के काफी महंगा होने के चलते इसके विकल्पों पर भी मंथन चल रहा था। पिछले माह सरकार की एक टीम दो देशों के दौरे पर इसके विकल्पों की तलाश में स्टडी के लिए गई थी। टीम ने स्टडी के आधार पर मेट्रो के बजाय एलआरटी का संचालन मुफीद माना और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी है। चीफ सेक्रेटरी उत्पल कुमार सिंह ने एलआरटी प्रोजेक्ट की संस्तुति दे दी है अब प्रपोजल को फाइनल अप्रूवल के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा जाएगा। सीएम की मंजूरी के बाद प्रपोजल कैबिनेट में रखा जाएगा।

दो-तीन माननीयों के रिपोर्ट का इंतजार

दो देशों के दौरे से लौटने के बाद टीम के सदस्यों से मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। 12 सदस्यीय टीम में से अंधिकांश ने अपनी रिपोर्ट समिट कर दी है। 2 से 3 विधायकों द्वारा अभी रिपोर्ट पेश की जानी है।

एलआरटी पर मेट्रो से आधा खर्चा

मेट्रो के संचालन पर भारी भरकम खर्च होने के कारण सरकार एलआरटी को विकल्प के रूप में ले रही है। मेट्रो प्रोजेक्ट पर करीब 36 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्चे का आकलन किया गया था। ऐसे में एलआरटी पर मेट्रो से आधा खर्चा आने की बात कही जा रही है, जिससे राजकोष पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा।

फेजवाइज होगा कंस्ट्रक्शन

उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी जीतेंद्र त्यागी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर उत्तराखंड में एलआरटी का संचालन भी फेज वाइज किया जाएगा। पहले चरण में दून में 25 किलोमीटर एलआरटी के ट्रैक का निर्माण होगा, जबकि अगले चरणों में दून से हरिद्वार और हरिद्वार से ऋषिकेश में एआरटी ट्रैक बनाया जाएगा।

एलआरटी पर एक नजर

- मेट्रो में बड़े कोच, जबकि एलआरटी में छोटे कोच होंगे।

- एलआरटी की क्षमता 10 हजार पैसेंजर, जबकि मेट्रो में 80 हजार यात्री कर सकते हैं सफर।

- दून, हरिद्वार व ऋषिकेश जैसे शहरों में संकरी सड़कों को देखते हुए एलआरटी मुफीद।

-एलआरटी पूरी तरीके से इको फ्रेंडली।

-जर्मनी के दो शहरों में संचालित हो रही एलआरटी।

-बजट के लिहाज से भी एलआरटी मेट्रो ट्रेन से सस्ती व टिकाऊ।

-एक मेट्रो ट्रेन तैयार होने में खर्च का अनुमान 210 करोड़ प्रति किमी और एलआरटी का करीब 140 करोड़ रुपए प्रति किमी खर्च अनुमान।

-एलआरटी मेट्रो की तर्ज पर डाउन व अप ट्रेक रूट और अंडर ग्राउंड पैसेज में हो सकती है संचालित।