रु. 2.11 लाख का 0001
वीआईपी नंबरों में 0001 की लगी सबसे अधिक बोली, दूसरे नंबर पर बिका 1111
Meerut. शहर में वीआईपी नंबर के शौकिन कम नहीं हैं. अब तक मात्र 15 हजार रुपए में बिकने वाले वीआईपी नंबर लाखों रुपए में खरीदे जा रहे हैं. अपने चहेते नंबर को हासिल करने के लिए लोग रकम नहीं देख रहे.यही कारण है कि वीआईपी नंबर 0001 की नीलामी 2 लाख 11 हजार में फाइनल हुई. मेरठ में 18 मार्च से शुरु हुई वीआईपी नंबर्स की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के तहत अभी तक तीन नंबर बिक चुके हैं. 15 हजार का नंबरपरिवहन विभाग के लिए नई योजना लाटरी साबित हो रही है. अभी तक जो वीआईपी नंबर अधिकतम 15 हजार रुपए में बिकते थे उनकी 15 गुना अधिक रकम विभाग को प्राप्त हो रही है. 18 मार्च को शुरु की गई नीलामी प्रक्रिया में सबसे अधिक 0001, 1111 और 0007 के लिए बुकिंग हुई थी. तीनों नंबरों के लिए 21 मार्च को बोली लगाई गई. जिसमें यूपी 15 सीएक्स 0001 को कुलदीप सिंह ने 2,11,000 बोली लगाकर अपने नाम कर लिया.
1.85 लाख में 1111वहीं इस बोली प्रक्रिया में दूसरे नंबर पर शामिल वीआईपी नंबर यूपी 15 सीएक्स 1111 को शिखा मिश्रा ने 1,08,500 रुपए की अधिकतम बोली लगाकर अपने नाम कर लिया. तीसरे नंबर पर यूपी 15 सीएक्स 0007 को पंकज कुमार सोम ने 35 हजार रुपए बोली लगाकर खरीद लिया.
अभी 34 नंबर बाकी इन तीन नंबरों की बिक्री के बाद परिवहन विभाग ने वेबसाइट से तीनों नंबरों को हटा दिया है. अब वीआईपी नंबरों की श्रेणी में 34 नंबरों के लिए बोली चल रही है इन 34 नंबरों के लिए करीब 38 आवेदक नंबर बुक करा चुके हैं. बुकिंग प्रक्रिया के लिए एक तिहाई रकम जमा कराकर नंबर बुक किया जाता है. इसके बाद सबसे अधिक बोली पर नंबर बेच दिया जाएगा. लगातार बढ़ रही मांग 0001 और 1111 खत्म होने के बाद अभी डी श्रेणी के 1515, 4141, 2020 और 1313 की डिमांड लगातार बढ़ रही है. इन नंबरों की कीमत मात्र तीन हजार रुपए थी अब बोली प्रक्रिया में इन नंबरों के भी दाम बढ़ने की उम्मीद है. राजस्व में इजाफा एआरटीओ प्रशासन श्वेता वर्मा ने बताया कि नीलामी की पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया है. जो अधिक बोली लगाएगा उसको नंबर मिलेगा. इससे विभाग को राजस्व में इजाफे की उम्मीद पूरी होगी.