फिल्मी दुनिया कहने को आम लोगों की दुनिया से एकदम अलग है पर कहीं न कहीं ये हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। कहीं कोई कहानी हमें अपनी ही जिंदगी जैसी लगती है तो कोई हमारे सपनों जैसी। कुछ फिल्में दिल में घर कर जाती हैं तो कुछ हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। आज के दौर की फिल्में हमें सच्चाई का आइना दिखा रही हैं लेकिन फिल्मों का मकसद है लोगों को एंटरटेन करना। पिछले कई दशकों से हिंदी सिनेमा के हमने कई पहलू देखे हैं लेकिन अगर पिछले दशक पर नजर डाली जाए तो फिल्मों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। ज्यादातर फिल्मों में रियलिस्टिक अप्रोच दिखने लगी जो पहले सिर्फ गिने चुने फिल्ममेकर्स ही अटेंप्ट करते थे। पिछले दशक की ऐसी ही कुछ दिल छूने वाली फिल्मों के बारे में बता रहे हैं इंडिया के लीडिंग फिल्म क्रिटिक एंड एनालिस्ट कोमल नाहटा...


2- बजरंगी भाईजान
ये भी उन गिनी चुनी फिल्मों में से ही जो ह्यूमन एंगल को बहुत संजीदगी के साथ रिप्रेजेंट करती हैं। एक बेहतरीन मेसेज देने वाली ये फिल्म जो लोगों को ये बताती है कि प्यार के सामने नफरत की दीवार कुछ नहीं। इंडिया-पाकिस्तान जैसे सेंसिटिव सब्जेक्ट पर बनी एक फिल्म और वो भी कॉन्ट्रोवर्सी नहीं बल्कि खूबसूरती के साथ। फिल्म न सिर्फ ऑडियंस के बीच पॉपुलर रही बल्कि क्रिटिक्स ने भी इसके फिल्ममेकिंग एस्पेक्ट को एप्रिशिएट किया। सलमान खान की 100 करोड़ वाली सुपर-डुपर हिट फिल्मों की लाइन में यह सबसे डिफरेंट फिल्म है और सलमान भी इसमें अलग ही अंदाज में नजर आए। यह निश्चित तौर पर सलमान की अब तक की फिल्मों में बेस्ट फिल्म है।

4- सुल्तान
पिछले साल आई इस फिल्म में एक बार फिर से कुछ बेहतरीन चीजें देखने को मिलीं। सलमान की बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ हमारी सोसाइटी के लिए कुछ खूबसूरत मेसेज भी। कोमल के मुताबिक, जो बात उनको इस फिल्म की सबसे पहले रिकॉल करती है, वो फिल्म का एक डायलॉग, 'हमारे यहां डिवोर्स नहीं होता, नाराजगी होती है। यह एक ऐसा स्टेटमेंट है जो आज के दौर में बहुत ही मायने रखता है जहां शादियां छोटी-छोटी बातों पर टूट जाती हैं। फिल्म एक टोटल एंटरटेनर थी।'

6- सिंघम
इस फिल्म को कोमल पिछले दशक की दस बेहतरीन फिल्मों में शामिल करते हैं। जब कोमल पहली बार इस फिल्म को देखने के एक्सपीरियंस को याद करते हैं तो उन्हें सिर्फ एक ही चीज याद आती है, और वो है तालियां बजाना। कोमल बताते हैं, 'इस फिल्म को देखते वक्त मैं पूरे वक्त तालियां बजाता रहा। मेरी तालियों की इंटेंस्टिी भी इतनी स्ट्रॉन्ग थी मैं लिटरली मेरी हथेलियां बिल्कुल लाल हो गई थीं और हाथों में दर्द होने लगा था।' कोमल के मुताबिक यह एक परफेक्ट बॉलीवुड एंटरटेनर थी और फिल्म वही हिट है जिसे देखने के बाद थिएटर में सीटियां और तालियां बजें।

8-गजनी
कोमल के मुताबिक यह फिल्म उनके दिल में एक खास जगह रखती है। इसके पीछे वजह ये है कि यह हिंदी फिल्मों की पहली ऐसी फिल्म थी जिसने 100 करोड़ रुपए की कमाई की थी। कोमल कहते हैं, 'मेरे लिए एक अच्छी फिल्म वो है जो ऑडियंस को पसंद भी आए, जो एंटरटेन भी करे, जिसका कंटेंट भी स्ट्रॉन्ग हो और जो बॉक्स-ऑफिस नंबर्स पर भी हिट रहे। यह ऐसी ही एक फिल्म है। एक कंप्लीट एंटरटेनिंग फिल्म। ये जो 100, 200, 300 और 400 करोड़ रुपए कमाने का जो ट्रेंड चला है वो इसी फिल्म से शुरू हुआ था इसलिए मेरे लिए यह हमेशा ही एक खास फिल्म रहेगी।'

10- तनु वेड्स मनु रिटर्न्स
इस फिल्म का नाम किसी भी तरह से नहीं भूला जा सकता क्योंकि यह डेफिनेटली हर तरह से पिछले दस सालों में बनी एक बेहतरीन फिल्म है। कोमल के मुताबिक फिल्म की स्पेशिएलिटी है इसकी ओवरऑल पैकेजिंग। विटी और स्ट्रॉन्ग डायलॉग्स, कंगना की शानदार परफॉर्मेंस, सभी कैरेक्टर्स का बेहतरीन ट्रीटमेंट और अच्छा डायरेक्शन, इन सभी चीजों में मिलकर इस फिल्म को पिछले दशक की बेहतरीन फिल्मों में शामिल कर दिया है। इतना ही नहीं, कोमल के मुताबिक जो इस वक्त बॉलीवुड में सीक्वेल का दौर चल रहा है, उसमें इस फिल्म ने सीक्वेल के कॉन्सेप्ट को भी पूरी तरह से जस्टिफाई किया है।
मेरे लिए फिल्मों का मतलब है कि वो ऑडियंस को एंटरटेन करे, जिसका कंटेंट भी स्ट्रॉन्ग हो और जो बॉक्स-ऑफिस पर कमाई भी अच्छी करे।
कोमल नाहटा फिल्म क्रिटिक

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Posted By: Prabha Punj Mishra