भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सोनितपुर ज़िले में बुधवार को अज्ञात लोगों ने दस लोगों की हत्या कर दी है. हमले में आठ अन्य लोग घायल भी हुए हैं.


असम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपना नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर बीबीसी को बताया कि हमले में मारे गए दस लोग असम के थे और हमलावर अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले थे.उन्होंने बताया कि इस हमले में 12 बोर की बंदूकों का इस्तेमाल किया गया जो आमतौर पर जानवरों का शिकार करने के काम आती हैं.उधर, इस घटना पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य समिति के सदस्य बलिन सैकिया ने बीबीसी को बताया कि मारे गए लोग उनकी पार्टी के थे.बलिन सैकिया का दावा है कि उनकी पार्टी के लोग सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के लोगों को अतिक्रमण करने से रोकने का प्रयास कर रहे थे और उसी दौरान यह घटना घटी.


उनका कहना है कि हमले की यह घटना दोपहर साढ़े तीन बजे के आसपास की है. बलिन सैकिया का यह भी दावा है कि हमले में पचास लोग घायल हुए हैं और कुछ लोग लापता भी हैं.जंगली इलाका"अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने दस साल से यहां तीस हज़ार बीघा ज़मीन पर क़ब्ज़ा जमा रखा है. लेकिन यहां का वन विभाग और असम प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया."-बलिन सैकिया, भाकपा-माले

बलिन सैकिया ने बीबीसी को बताया कि हमलावरों की संख्या सौ के आसपास थी जो अपने मुंह पर काला कपड़ा बांधे हुए थे. बलिन सैकिया ने इस घटना को बिहाली वन क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी-माफ़िया से भी जोड़ा है.उनका यह भी दावा है कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने सीमा से लगने वाले असम के इलाके में ज़मीन के एक बड़े हिस्से पर अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है और भाकपा (माले) कार्यकर्ता इसी क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ बीते ढाई महीने से मुहिम चला रहे थे.उन्होंने बीबीसी को बताया, ''अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने दस साल से यहां तीस हज़ार बीघा ज़मीन पर क़ब्ज़ा जमा रखा है.लेकिन यहां का वन विभाग और असम प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया.''बलिन सैकिया का यह भी कहना है कि राजगढ़ आली नामक जगह पर अतिक्रमण के ख़िलाफ़ जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं पर ऐसे किसी हमले की आशंका के बारे में उन्होंने प्रशासन को भी आग़ाह किया था.

Posted By: Subhesh Sharma