10 बातें जो हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के बारे में हम सबको जाननी चाहिये
उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे ध्यानचंद प्रारंभिक शिक्षा के बाद 16 साल की उम्र में पंजाब रेजिमेंट में शामिल हो गए थे। वो 'फर्स्ट ब्राह्मण रेजीमेंट' में एक साधारण सिपाही के रूम में भर्ती हुए थे।
तानाशाह हिटलर ध्यानचंद के हॉकी खेलने के हुनर से इतने ज्यादा इम्प्रेस हुए थे कि उन्होंने ध्यानचंद को जर्मनी की नागरिकता और आर्मी में कर्नल का पद ऑफर किया था।
ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल हासिल करवाए थे।
1956 में ध्यानचंद को पद्म भूषण से नवाजा गया था।
ध्यानचंद ने हॉकी में जो कीर्तिमान बनाए हैं उन तक आज भी कोई खिलाड़ी नहीं पहुंच पाया है। बता दें कि ध्यानचंद पुरस्कार होता है जो खेल-कूद में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए दिया जाता है।