10 साल का मासूम गिरा नाले में, 100 लोग मिलकर भी 10 घंटे में नहीं खोज पाए बच्चे को

PATNA : किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पटना में की गई व्यवस्था की पोल शनिवार को खुल गई। एसके पुरी थाना एरिया के संप हाउस के पास नाले में एक 10 साल का मासूम गिर गया। लेकिन घटना की सूचना मिलने के बावजूद 2 घंटे बाद नगर निगम और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। ये हाल राजधानी का हैं जब दोनों के कार्यालय पास में ही हैं, तो जरा सोचिए जिलों का क्या हाल होगा।

जब तक बचाते बह गया दीपक

प्रोफेसर कॉलोनी निवासी दीपक पिता गुड्डु (10) तीसरी क्लास में पढ़ता था। शनिवार दोपहर 1बजे दोस्त के साथ वह संप हाउस नाले से घर जा रहा था। उसके गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे लेकिन तेज बहाव होने के कारण वह बहकर नाले के अंदर चला गया। लोगों ने उसे ढूंढ़ा लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं चला।

मैं उसका हाथ पकड़ता तब तक गिर गया

दीपक मेरा दोस्त है। हम लोग साथ में खेलते थे। दोपहर में वह मेरे घर आया। उसने कहा कि पापा को खाना देने चलते हैं। उसके बाद खेलने चलेंगे। हम दोनों लोग खाना देने के बाद घर जा रहे थे। जैसे ही हम लोग नाले के पास पहुंचे तो वहां पर एक गाय हमारे ऊपर लपकी। इसके बाद हम लोग भागने लगे। इसी दौरान दीपक असंतुलित हो गया। जब तक मैं उसका हाथ पकड़ता तब तक वह गिर गया। मैं चिल्लाते हुए दूसरी तरफ भागा। जब तक मैं दौड़कर वापस आता दीपक नाले में समा गया था।

3 बहनों का इकलौता भाई

दीपक के पिता फल बेचते हैं। 3 बहनों में वह इकलौता भाई है। बच्चे के गिरने की सूचना मिलते ही पिता बेहोश होकर गिर गए। मां बार-बार नाले के पास दौड़ती हुई आती है और वहां मौजूद कर्मचारियों से रोते हुए कहती है कि मेरे दीपक को बचा लो।

4 फीट गहरा, 6 फीट चौड़ा है नाला

जिस नाले में दीपक गिरा है। उसकी गहराई 4 फीट और चौड़ाई करीब 6 फीट है। इसी नाले से होकर लोग एसके पुरी और पुनाईचक जाते हैं। शार्टकट होने के कारण 2 फीट चौड़े नाले की दीवार पर लोग चलकर इसे पार करते है। यह नाला ढंका हुआ भी नहीं है। इस कारण लोग आए दिन इसमें गिर जाते हैं।

ये देखिए निगम की खानापूर्ति

निगम की टीम बच्चे के बचाव के लिए नाले में ऑक्सीजन डाल रही थी। पीएमसीएच के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ। पंकज हंस ने बताया कि कोई भी व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी में अधिकतम 3 मिनट तक ही जीवित रह सकता है। इसके बाद ब्रेन डैमेज हो जाता है।

दो ऐसी बातें जो आपको चौंका देंगी

नगर निगम फेल

सूचना मिलने के बाद बिना मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर लिए पहुंची निगम की टीम।

निगमकर्मियों को नाले के स्ट्रक्चर का भी ज्ञान नहीं था, अंदाज से टीम खुदाई करने में जुटी रही।

नाले में कचरा फंसा हुआ था। निगम द्वारा सफाई पर खर्च होने वाले करोड़ो रुपए की पोल खुल गई।

एसडीआरएफ लेट

एनडीएआरफ-एसडीआरएफ की टीम सूचना मिलने के बाद भी घटनास्थल पर 2 घंटे बाद पहुंची।

नाले में 4 गोताखोर उतरे लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण वे 2 मिनट ही रह पाए।

एनडीआरएफ टीम केवल 4 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर ही पहुंची बाद में 4 और मंगवाने पड़े।

Posted By: Inextlive