-अब तक 600 से ज्यादा एप्लीकेशंस पहुंची

देहरादून, राज्य में इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 के संचालन के लिए नए टेंडर कैंप कंपनी के नाम होने के बाद अब निगाहें सबकी कैंप कंपनी पर टिकी हुई हैं. कब कंपनी इमरजेंसी सेवा को टेकओवर करेगी. फिलहाल कंपनी के अधिकारियों के अनुसार बताया गया है कि कैंप ने संडे से अपने इंटरव्यू शुरू कर दिए हैं, जबकि बताया गया है कि अब तक कार्मिकों के रिक्रूटमेंट के लिए कैंप पास करीब 600 से अधिक एप्लीकेशंस पहुंच चुके हैं.

अधिकारियों ने दून में डाला डेरा

स्टेट में 11 साल तक इमरजेंसी सेवा 108 का संचालन देखने के बाद अब जिम्मेदारी कैंप (कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्रामम)कंपनी को मिली है. हालांकि 31 मार्च तक जीवीके ईएमआरआई को सरकार ने संचालन के लिए एक्सटेंशन दिया है, लेकिन इधर, कैंप कंपनी ने भी अपने एक्सरसाइज शुरू कर दी है. बलबीर रोड पर ऑफिस खोल दिया गया है और 108 स्टेट मुख्यालय पर अधिकारियों ने कई दौर की अपनी बैठकें शुरु कर दी हैं. हाल में कंपनी ने कॉल सेंटर, ईएनटी, पायलट सहित तमाम कार्यो के लिए कर्मचारियों की भर्ती निकाली है. कंपनी के मुताबिक अब तक इन तमाम भर्तियों के 600 से अधिक एप्लीकेशंस आ चुकी हैं और उनकी स्क्रूटनी हो रही है. कंपनी के जीएम ऑपरेशन प्रदीप राय ने बताया कि कार्यरत कर्मचारियों को ज्वाइनिंग में प्राथमिकता दी जाएगी. उनका कहना है कि सैटरडे को कैंप कंपनी की एचआर टीम दून पहुंचेगी और मंडे से भर्तियों के लिए इंटरव्यू शुरु कर दिए जाएंगे.

पुराने कर्मी एकजुट

बताया जा रहा है कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी अपने कर्मचारियों को कैंप को देने के मूड में नहीं है. हालांकि जीवीके ने पहले ही कर्मचारियों को दूसरे स्टेट में ज्वाइनिंग के लिए ऑफर कर दिया है. लेकिन अधिकतर कर्मचारी दूसरे स्टेट में जाने को तैयार नहीं है. सूत्र बताते हैं कि कैंप कंपनी उतनी सैलरी दे पाने के मूड में नहीं है, जितना कर्मचारी वर्तमान कंपनी से हासिल कर पाते थे. सूत्रों के अनुसार फील्ड कर्मचारी कैंप से बात करने के इच्छुक नहीं हैं. कर्मचारियों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि कैंप कंपनी खुद उनके पास पहुंचे और शर्ते तय हों. ऐसे में माना जा रहा है कि कैंप वर्तमान कर्मचारियों को कारणवश नहीं ले पाती है तो नए कर्मचारियों की भर्ती और उसके बाद कम से कम 45 दिनों की ट्रेनिंग जरूरी होने के लिए कंपनी को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इसका सीधा असर आम जनता को उठाना पड़ सकता है. जबकि कैंप को 31 मार्च तक कार्य हैंडओवर करना है. उधर, जीवीके अब एक्सटेंशन के मूड में नहीं है.

एप्लीकेशंन बने चुनौती

नया टेंडर कैंप को मिलने के बाद अब कंपनी के सामने सबसे बड़ा चैलेंज कॉल सेंटर एप्लीकेशन को लेकर है. बताया जा रहा है कि जीवीके ईएमआरआई के पास जो एप्लीकेशन है, वह काफी महंगा है और उसको महेंद्रा टेक से मिला है. यह एप्लीकेशन काफी महंगी है. जीवीके इस एप्लीकेशन को देने के मूड में नहीं है. सूत्र बताते हैं कि कैंप कंपनी ने जीवीके से एप्लीकेशन का आग्रह भी कर किया है. बताया जाता है कि इस एप्लीकेशन के जरिए ही पूरा कंट्रोल रूम संचालित होता है और एंबुलेंस ट्रैक हो पाती है. जीएम ऑपरेशन प्रदीप राय का कहना है कि जीवीके से आग्रह किया जा रहा है. एप्लीकेशन न मिलने पर सरकार से हेल्प मांगी जाएगी. जीएम का कहना है एप्लीकेशन की दिक्कत आने के बाद उनके पास बैकअप में एप्लीकेशन है, जिसको वे छत्तीसगढ़ में यूज करते आए हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड के परिस्थितियों में फर्क हैं. पहाड़ी राज्य होने के नाते कैंप के पास खुद का एप्लीकेशन पहाड़ों क्षेत्र में दिक्कत कर सकता है. बताया जा रहा है कि टेंडर फ्लोट होने के दौरान इस पर कैंप की तरफ से ध्यान नहीं दिया गया. अब कंपनी के सामने दिक्कत आ रही है.

Posted By: Ravi Pal