एम्बुलेंस का स्टेयरिंग अनट्रेंड ड्राइवर्स के हाथों में
कैंप ने शुरू किया 108 एम्बुलेंस सेवा का आधा अधूरा संचालन
अनट्रेंड ड्राइवर्स के हाथों में एम्बुलेंस का स्टेयरिंग देहरादून, इमरजेंसी सेवा 108 की एम्बुलेंस का स्टेयरिंग अनट्रेंड ड्राइवर्स के हाथों में सौंप दिया गया है. हालात ये हैं कि अनट्रेंड ड्राइवर मैदानों में शुरुआत में ही फेल हो गए हैं. ऐसे में ये अनट्रेंड ड्राइवर्स हिल्स में मरीजों को लेकर कैसे एम्बुलेंस चढाएंगे, ये सवाल खड़ा हो रहा है. संडे को जब देहरादून से रुद्रपुर जा रही 108 एम्बुलेंस के एक्सीडेंट ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. बिना ट्रेनिंग के उतार दिए पायलटइमरजेंसी सेवा 108 एंबुलेंस का संचालन अब कैंप कंपनी ने शुरू कर दिया है. चार बार एक्सटेंशन देने के बाद जीवीके ईएमआरआई के हाथों से धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर और रन कराने की प्रोसेस कैंप संस्था संभालने लग गई है. करीब दो माह की जद्दोजहद के बाद कैंप कंपनी जिम्मेदारी लेने की बात तो कर रही है, लेकिन जो 600 स्टाफ और कर्मचारी कैंप ने रिक्रूट किये हैं, उनको बिना टे्रंड किए ही फील्ड में उतारा जा रहा है. एम्बुलेंस में एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और एक ड्राइवर तैनात होता है. उनको दो शिफ्ट में कार्य करना होता है. ईएमटी कर्मी फार्मासिस्ट होता है, जिसे 45 दिनों की मेडिकल इमरजेंसी की ट्रेनिंग दी जाती है. उसे एम्बुलेंस में मौजूद इक्विपमेंट, दवाइयों और अन्य जानकारियां दी जाती हैं, ताकि रास्ते में मरीज को उपचार दिया जा सके. इसके साथ अनुभवी ड्राइवर रखा जाता है, उसे भी मेडिकल संबंधी बेसिक जानकारी देनी होती है. ड्राइवर के पास हिल्स में गाड़ी चलाने का एक्सपीरियंस भी होना चाहिए. लेकिन, कैंप द्वारा अनट्रेंड ड्राइवर्स की भर्ती कर इस जीवनदायनी सर्विस पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ड्राइवर का ऑडियो वाइरलसंडे को देहरादून से रुद्रपुर जा रही 108 एम्बुलेंस का एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद 108 एम्बुलेंस ड्राइवर सुल्तान खान की अपने सहयोगी ड्राइवर से बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया है. ऑडियो में हुई बातचीत में कर्मचारी खुद इस बात को स्वीकार रहे हैं कि एक अनट्रेंड ड्राइवर एम्बुलेंस को चला रहा था. ऑडियो के अनुसार ड्राइवर के लाइसेंस में जरूरी पैरामीटर्स की भी कमी है. इसी के साथ ऑडियो में ड्राइवर ने बताया कि वे भगवान का नाम लेकर गाड़ी चलाते हैं. ऑडियो में ड्राइवर यह भी कहता सुना जा रहा है कि जो भी नए ड्राइवर 108 एम्बुलेंस के लिए पायलट बनाए गए हैं, उनको हिल्स में चलाने का कोई एक्सपीरियंस नहीं हैं. जबकि हिल्स में एम्बुलेंस चलाने के लिए कम से कम 5 वर्ष का एक्सपीरियंस चाहिए. सबसे चौंकाने वाली बात जो इस ऑडियो में सामने आई है वह है नए अनट्रेंड ड्राइवर के हाथ में स्टेयरिंग पकड़ाकर दूसरे ड्राइवर को साथ में बिठाकर यह कहा गया है कि रास्ते में ट्रेंड ड्राइवर अनट्रेंड डाइवर को एम्बुलेंस सिखाता रहेगा. साथ ही एक एम्बुलेंस दूसरे के पीछे चलेगा.
एम्बुलेंस में हमने 2 ड्राइवर भेजे थे. ट्रक ने एम्बुलेंस को साइड मार दिया था. कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है. जो भी आरोप लग रहे हैं, वे सभी निराधार हैं. अनिल शर्मा, जीएम प्रोजेक्ट, कैंप