पूर्व सीएम हरीश रावत ने की 108 सेवा का टेंडर निरस्त करने की मांग
- इमरजेंसी सर्विस 108 से निकाले गए कर्मियों को पूर्व सीएम हरीश रावत ने धरना देकर दिया समर्थन
DEHRADUN: इमरजेंसी सर्विस 108 से निकाले गए कर्मियों को पूर्व सीएम हरीश रावत ने समर्थन देते हुए राज्य सरकार से नई कंपनी के साथ किए गए टेंडर को निरस्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 108 के टेंडर में सरकार से बड़ी गलती हुई है, उसे अब सरकार ही दुरुस्त कर सकती है. नो प्रॉफिट नो लॉस पर संचालित हो सेवामंडे को पूर्व सीएम हरीश रावत ने परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया. हरीश रावत ने कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार देने के बजाए उन्हें बेरोजगार कर रही है. 108 के टेंडर ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए था कि कर्मचारियों की सेवा शतरें में बिना सरकार की सहमति के कोई परिवर्तन नहीं होगा. कर्मचारियों की कार्य अवधि, वेतन भत्तों को लेकर कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सेवा पूर्व की तरह नो प्रॉफिट नो लॉस पर संचालित की जाए.
108 कर्मियों की स्थिति के लिए कांग्रेस भी जिम्मेदार: उक्रांदउक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट समेत अन्य पार्टी नेताओं ने धरनास्थल पहुंकर 108 कर्मियों को अपना समर्थन दिया. भट्ट ने कहा कि कभी किसी कंपनी के बंद होने पर दूसरी कंपनी द्वारा उसे अधिग्रहित किया जाता है तो नियमानुसार कर्मचारियों के भविष्य का ध्यान रखा जाता है, लेकिन राज्य सरकार ने 11 वषरें से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के भविष्य की अनदेखी की है. दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ही बेरोजगारों की फौज खड़ी करने की जिम्मेदार हैं. कांग्रेस पर 108 कर्मियों के बहाने राजनीति का आरोप लगाते कहा कि कांग्रेस के जमाने में ही ठेका प्रथा की शुरुआत हुई. आज 108 कर्मचारियों की बदहाल स्थिति के लिए कांग्रेस भी पूरी तरह जिम्मेदार है.