Allahabad : अंदाज सबका जुदा है. चाहतें भी सबकी जुआ हैं. लेकिन एक ही से अरज कर रहे हैं वह हैं गंगा मइया. मोक्षदायिनी गंगा का आंचल गंदा करने वाले भले ही ऐसा करते हुए एक बार भी न सोचें लेकिन वे भी गंगा मइया की कृपा चाहते हैं. कोशिश करते हैं जानने की कि कौन किस मंशा से कर रहा है गंगा मइया की पूजा-अर्चना...


स्नान सकुशल संपन्न कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले प्रशासन को भी चाहिए दुआमाघ मेला में शाही स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु हों या कल्पवासी सभी पवित्र स्नान का पुण्य कमाने दूर-दूर से आते हैं। कई तो भारी मुसीबत का सामना करते हुए संगम पहुंचते हैं। सभी अपने तथा अपने परिवार की खुशियों और अपने इहलोक व परलोक संवारने की मनोकामना लेकर आते हैं। पवित्र स्नान का पुण्य कमाकर वो लौटते हैं। साधु-संत भी कई दिन पहले से ही संगम की रेती पर पहुंच जाते हैं और कठिन परिस्थितियों में पूरे स्नान तक यहीं रहते हैं और नियमित पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं सभी स्नान सकुशल संपन्न कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले प्रशासन को भी दुआ व कृपा की जरूरत होती है।इन्हें भी चाहिए कृपा


माघ मेला को लेकर प्रशासन की खास तैयारियों का ही नतीजा रहा कि मकर संक्रांति स्नान व गुरुवार को पौष पूर्णिमा स्नान सकुशल संपन्न हो गया। मेले में सिक्योरिटी के लिए इस बार प्रशासन ने खासा एहतियात बरता है। मेला शुरू होने से पहले ही आतंकियों की सूची जारी कर दी गई थी। मेले की सुरक्षा में आरएएफ, एसटीएफ के साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पहले दोनों स्नानों के दिन सुरक्षा में लगे जवानों ने खास सतर्कता बरती। चप्पे-चप्पे की सघन जांच की गई पूरे एरिया की निगहबानी रेगुलर होती रही। इसके साथ ही सभी सीनियर ऑफिसर्स रेगुलर गंगा आरती व हवन कर मेला व शाही स्नान के सकुशल संपन्न होने की दुआ भी कर रहे हैं। आरएएफ भी कर रही सकुशल संपन्न होने की दुआ

मेले की सिक्योरिटी में अन्य सुरक्षा बलों के साथ आरएएफ की दो कंपनियां भी लगाई गई हैं। इसमें लगभग 250 जवान शामिल हैं। ये पूरे मेला एरिया में मुस्तैदी से नजर रखे हुए हैं। दो प्रमुख स्नान के सकुशल संपन्न हो जाने के बाद गुरुवार की सुबह आरएफ के डिप्टी कमांडेंट नीतीन्द्रनाथ ने गंगा आरती मे हिस्सा लिया व गंगा मइया से दुआ मांगी कि बाकी स्नान भी अच्छे से संपन्न हो जाएं। डिप्टी कमांडेंट नीतीन्द्रनाथ ने बताया कि पिछले 12 जनवरी से ही वो लगातार प्रात: गंगा आरती कर रहे हैं साथ ही उनकी बटालियन पूरी सतर्कता से संगम मुख्य घाट से लेकर कल्पवासियों के घाटों तक निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि आरएएफ की सिक्योरिटी आपातकालीन सेवाओं के तहत लगाई जाती है। उनकी बटालियन अंतिम शाही स्नान यानी महाशिवरात्रि तक माघ मेला एरिया में ड्यूटी देगी। उन्होंने बताया कि उनकी पूरी कोशिश है कि स्नान के लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। नीतीन्द्रनाथ ने बताया कि आगे आने वाले स्नानों की सिक्योरिटी को लेकर एसएसपी के साथ मीटिंग भी हो रही है।डीएम व एसएसपी ने भी की थी पूजा

माघ मेला के शुरू होने से पहले डीएम और एसएसपी ने विधिवत पूरे रीति रिवाज के साथ संगम तट पर भूमि पूजन और गंगा मइया की आरती की थी और प्रार्थना की थी कि मेला सकुशल संपन्न हो सके। हालांकि माघ मेला के शुरू होने के ठीक पहले और मकर संक्रांति स्नान के दो दिन पहले देर रात इंद्र देव का प्रकोप टूट पड़ा था। जोरदार बारिश ने प्रशासन की सारी तैयारियों को अस्त-व्यस्त करके रख दिया था। इसमें कई पांडाल व टेंट उखड़ गए, जगह-जगह कीचड़ व जल-जमाव हो गया लेकिन प्रशासन ने इस चैलेंज को लेते हुए 48 घंटे के अंदर फिर से मेला को तैयार कर खड़ा किया। गंगा मइया की प्रशासन पर कृपा रही कि जोरदार ठंड व बारिश की वजह से मकर संक्रांति पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख के अंदर ही सिमट कर रह गया। और पौष पूर्णिमा पर भी उम्मीद से काफी कम श्रद्धालु ही स्नान के लिए संगम पहुंच सके। इससे प्रशासन की किरकिरी होने से बच गई। हालांकि अग्नि परीक्षा अभी बाकी है।मुख्य स्नान पर्वमौनी अमावस्या स्नान- 30 जनवरीबसंत पंचमी स्नान- 4 फरवरीमाघी पूर्णिमा स्नान- 14 फरवरीमहाशिवरात्रि स्नान-27 फरवरीगंगा की दिव्य आरतीसंगम तट पर बसे शहर की रौनक यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और क्रिया-कलाप हैं। थर्सडे इवीनिंग यहां भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया तो ठंड का असर भूलकर श्रद्धालु इसका हिस्सा बनने के लिए पहुंच गए। यह आयोजन शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुआ तथा 11 ब्रह्म्ऋषियों के माध्यम से बहुपात्रों से भागीरथी नंदिनी की आरती उतारी गई। इस मौके पर सुरेश चन्द्रा के भजनों ने लोगों को भक्ति सागर में डूबने-उतराने पर विवश कर दिया।पौष पूर्णिमा स्नान के साथ शुरू हुआ कल्पवास
करीब डेढ़ महीने तक संगम तट पर चलने वाले माघ मेले के दौरान शाही स्नान और कल्पवास का विशेष महत्वपूर्ण है। स्नान पर्व मकर संक्रांति से शुरू हो जाता है जबकि कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा पर स्नान से होती है। गुरुवार को पौष पूर्णिमा के मौके पर करीब साढ़े आठ लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। दोपहर बाद तक सूर्य के दर्शन न होने से पब्लिक के आने की रफ्तार थोड़ी सुस्त रही लेकिन दिन में एक बजे के बाद लोगों का आना तेज हो गया। मेले में अपनों से बिछड़ गए 30 पुरुषों तथा एक बच्चे को फिर से मिलाया गया। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसर्स के साथ पैरामिलिट्री के जवान भी सक्रिय रहे।19 तक जिले के इंटर तक के सभी स्कूल बंदमौसम में परिवर्तन के चलते गलन और कोहरे का असर बढ़ गया है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी राजशेखर ने इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूलों को 18 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। 19 को रविवार होने के चलते स्कूल बंद रहेंगे। अब ये सभी 20 को खुलेंगे। जिला सूचना कार्यालय की तरफ से जारी की गई रिलीज में कहा गया है कि डीएम ने यह फैसला 17 और 18 जनवरी को बारिश की संभावना को देखते हुए लिया है। जिलाधिकारी की ओर से कहा गया है कि 20 जनवरी को सभी स्कूल सुबह नौ बजे के बाद ही खुलेंगे। बता दें कि सिटी के अलावा फाफामऊ, नैनी और झूंसी एरिया के स्कूलों को डीएम के आदेश पर थर्सडे तक बंद रखा गया था। देहात एरिया के स्कूलों के स्कूल 15 और 16 जनवरी को खोलने के आदेश दिए गए थे लेकिन नए फैसले के बाद ये स्कूल भी शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे।Reported by Vijay Pandey

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