जानलेवा एक्सप्रेस-वे, इस वर्ष 123 ने गंवाई जान
- 6 महीने में एक्सप्रेस-वे पर 95 एक्सीडेंट में हो चुकी है 94 की मौत
आगरा। नौ वर्ष पहले 128.39 अरब की लागत से अस्तित्व में आया 165 किमी का यमुना एक्सप्रेस-वे मौत का एक्सप्रेस-वे बनता जा रहा है। पिछले छह महीनों में 95 रोड एक्सीडेंट में 94 लोग अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। सोमवार को 29 मौतों के साथ इनकी संख्या 123 पर पहुंच गई। लगातार बढ़ रहा हादसों का ग्राफयमुना एक्सप्रेस-वे पर सोमवार को मौत की झपकी के साथ ही बस नाले में जा गिरी। 29 जिंदगी नाले में दफन हो गई। इनका ग्राफ बढ़ता ही जा रहा, लेकिन उनकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा सके हैं। ट्रैफिक निदेशालय के आंकड़ों पर गौर करें तो हादसों का ग्राफ वर्ष-दर-वर्ष बढ़ता ही जा रहा है। पिछले छह महीने में जून तक 95 रोड एक्सीडेंट में 120 लोग घायल हो गए।
2013 896 118 2014 771 127 2015 919 142 2016 1193 128 ----------------------------------- पिछले तीन वर्ष में ओवर स्पीड में हुए हादसे वर्ष हादसे 2013 268 2014 208 2015 233 टायर बर्स्ट होने से हादसों पर एक नजर वर्ष हादसे 2013 120 2014 71 2015 121 ------------------------इन पर नहीं हो सका अमल
- टोल प्लाजा पर ऑन द स्पॉट चालान किए जाए, क्योंकि वहां डिसप्ले बोर्ड पर गति का उल्लंघन स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। - गति उल्लंघन करने वाले सभी वाहनों का पोस्टल व ई-चालान किया जाए।- गति उल्लंघन करने वाले वाहनों का पूरा विवरण जेपी इंफ्राटेक द्वारा संबंधित थानों व येडा को उपलब्ध कराया जाए।
- यमुना एक्सप्रेस के प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में स्पीड अरेस्टर लगाया जाए। - ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडर की संख्या में इजाफा होना चाहिए। - यमुना एक्सप्रेस-वे के प्रवेश व निकास स्थानों पर टायरों के एयर प्रेशर एवं घिसावट को चेक करने के लिए जेपी द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। - यमुना एक्सप्रेस-वे का एक्सीडेंट डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम भी जेपी द्वारा विकसित करना चाहिए। ताकि वहां हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण किया जा सके। - यमुना एक्सप्रेस-वे का परंपरागत सड़क सुरक्षा ऑडिट कराया जाए। - जागरूकता अभियान चलाया जाए। चाय-कॉफी पिलाने का प्रस्ताव भी फाइलों में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए टोल पर वाहन चालकों को मुफ्त में चाय कॉफी पिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए वाहन चालकों से कोई शुल्क देय नहीं था। इसका समय रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक निर्धारित किया गया था। इसका पूरा खर्च यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को उठाना था। लेकिन ये प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं आ सका।जिले का नाम एक्सीडेंट की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
आगरा 09 06 06 मथुरा 54 55 43 अलीगढ़ 07 06 08हाथरस 0 0 0
गौतमबुद्ध नगर 25 27 63 ------------------------------------------------------- 95 94 120 वर्ष कुल हादसे डेथ 2012 275 33