सोशल मीडिया पर बी ग्रेड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ शेयर हो रहे बधाई संदेश

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को जब से नैक की ओर से बी प्लस प्लस की ग्रेड दी गई है, लोगों की जुबान पर इविवि के लिए बी ग्रेड की यूनिवर्सिटी का सम्बोधन चढ़ गया है. बता दें कि नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) द्वारा बी प्लस प्लस ग्रेड दिए जाने की सूचना सबसे पहले यूनिवर्सिटी के ही लोगों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए दी गई. जिसके बाद इस बात पर चर्चा जोर पकड़ने लगी कि नैक की ओर से सेंट्रल यूनिवर्सिटी को ए ग्रेड तक प्रदान न किए जाने को लेकर क्या क्या कारण है?

खोखली जमीन, बातें बड़ी-बड़ी

नैक की ग्रेडिंग में फ‌र्स्ट डिवीजन तक का अंक न हासिल कर पाने वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फेल्योर का बड़ा कारण एकेडमिक पोटेंशियल में डाउनफाल है. गौर करने वाली बात है कि जनवरी 2004 में भी इविवि को बी प्लस प्लस की ग्रेड प्रदान की गई. उस समय से अब तक कुल 10 बार कुलपतियों का चार्ज बदला. नौ कुलपतियों ने इस 15 साल से ज्यादा के कार्यकाल में न केवल काम किया, बल्कि एकेडमिक अचीवमेंट के एक से बढ़कर एक दावे भी किए. इन कुलपतियों में सभी अपने अपने क्षेत्र के एक से बढ़कर एक दिग्गज होने का दावा भी करने से कभी नहीं चूके हैं. विवि में आयोजित सेमिनार और संगोष्ठियों में इनकी विद्वता के कसीदे हमेशा ही अखबारों की सुर्खियों में रहे. इन दावों पर भी अब सवाल खड़े हो गये हैं.

सांस्कृतिक संध्या पर भी लिया जा रहा चटखारा

कैम्पस से छनकर आ रही चर्चाओं में एक बात और प्रमुखता से कही जा रही है कि विवि प्रशासन ने नैक की टीम को खुश करने के लिए बीते 26 मार्च को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया. इसमें सूफी गायन, सितार वादन, तबला वादन और लोकनृत्य की मोहक प्रस्तुतियां की गई. बावजूद इसके ग्रेडिंग के मामले में टीम ने कोई कोताही नहीं बरती. हालांकि, विवि प्रशासन ने इसे टीम के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम बताया था.

ये हैं वो दस कुलपति

वर्ष नाम

2001-2004 प्रो. जीके मेहता

2004 प्रो. जनक पांडेय

2004-2005 प्रो. एचआर सिंह

2005-2010 प्रो. राजन हर्षे

2010 प्रो. केजी श्रीवास्तव

2010-2011 प्रो. एनआर फारुखी

2011- 2014 प्रो. एके सिंह

2014- 2015 प्रो. एनआर फारुखी

2015 प्रो. ए सत्यनारायण

वर्तमान में- प्रो. रतन लाल हांगलू

Posted By: Vijay Pandey