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फ्लैग: शीला एक्का ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने के साथ छोटी-मोटी खराबी दूर करने में भी पारंगत

-2008 में सिमडेगा के एक गांव से नौकरी की तलाश में आई थीं रांची

-महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ा कर खुद काम करने के लिए कर रहीं प्रेरित

RANCHI (9 April): महिलाएं आज हर फिल्ड में अपना मुकाम बना रही हैं। बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक में महिलाएं ऐसा काम कर रही हैं, जिस पर पूरा शहर फख्र कर रहा है। ऐसी ही महिलाओं में से रांची की रहने वाली शीला एक्का भी एक हैं, जिन्होंने महिलाओं को हुनर दिया। महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाकर उन्हें खुद से काम करने के लिए प्रेरित किया। जिंदगी में कुछ खास करने की चाहत लेकर सिमडेगा के एक गांव से रांची आई शीला एक्का अब तक क्म् हजार महिलाओं को कार ड्राइविंग सीखा चुकी हैं। अब तो शीला सिर्फ ड्राइविंग ही नहीं, बल्कि गाडि़यों में अगर छोटी-मोटी किसी तरह की परेशानी हो तो उसे भी ठीक करने में पारंगत हासिल कर चुकी हैं।

चंद दिन लगे ड्राइवर बनने में

शीला बताती हैं कि मैं ख्008 में नौकरी मांगने के लिए प्रेमसंस मोटर्स में गई। वहां के लोगों ने मुझसे पूछा कि तुम क्या कर सकती हो, मैंने कहा कुछ भी। उसी साल प्रेमसंस मोटर्स खुल रहा था। उन लोगों ने मुझे ड्राइविंग सीखने को कहा। मैं ड्राइविंग सीखी और उसके बाद से महिलाओं को ड्राइविंग ही सीखा रही हूं। मुझे जब ड्राइविंग सीखने के लिए कहा गया, तो मैं अपने आत्मविश्वास की बदौलत बहुत कम समय में ही ड्राइवर बन गई। अब महिलाओं को सिखा रही हूं

जिंदगी में स्ट्रगल जरूरी

जिंदगी में अगर कुछ पाना है, तो स्ट्रगल करना ही पड़ता है। मैं अपने गांव सिमडेगा से रांची आई थी। मुझे काम की सख्त जरूरत थी। मैं कोई भी काम करने को तैयार थी। इसी बीच काम खोजने के सिलसिले में एक अलग तरह का काम करने का निर्णय लिया। ड्राइविंग सिखाने का काम अधिकतर पुरुष ही करते हैं। लेकिन मुझे थोड़ी सी भी झिझक नहीं हुई। मैंने ड्राइविंग को ही अपना प्रोफेशनल करियर बना लिया।

आत्मविश्वास जगाने की जरूरत

शीला बताती हैं कि ड्राइविंग हर महिला को सीखने की जरूरत है। यह एक ऐसा स्किल है, जो हमेशा काम आता है। बच्चों को स्कूल छोड़ने से लेकर घर का जरूरी काम तक महिलाएं खुद से कर रही हैं। मैंने जितनी भी महिलाओं को ट्रेनिंग दी, वो खुद से कार ड्राइव कर अपना काम कर रही हैं। महिलाओं को ड्राइविंग सिखाना आसान है। जरूरत सिर्फ उनकेआत्मविश्वास को जगाने की है। इसके बाद कोई भी काम आसान है।

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मात्र ख्क् दिन का कोर्स

शीला एक्का ने बताया कि मैं ख्008 से महिलाओं को कार चलाना सीखा रही हूं, हर दिन करीब छह महिलाओं को अलग-अलग टाइमिंग पर ड्राइविंग सिखाती हूं। ख्क् दिन का कोर्स होता है। इसमें उनको डेमो क्लास से लेकर, गाड़ी में अगर कोई छोटी-मोटी खराबी हो तो उसे भी ठीक करने की ट्रेनिंग दी जाती है। ये सब कुछ मैं खुद सिखाती हूं। महिलाओं को पहले थ्योरी क्लास दी जाती है। उसके बाद कंप्युटर की ट्रेनिंग फिर बाद में प्रैक्टिकल क्लास होती है।

Posted By: Inextlive