कैचवर्ड : राजमहल खदान हादसा

-शनिवार-रविवार को मिले दोनों शवों की हुई पहचान

-नहीं मिला लड्डू यादव व परवेज आलम का शव

-डीजीएमएस राहुल गुहा ने किया घटनास्थल का निरीक्षण

GODDA(1 Jan, JNN): राजमहल खदान हादसे के चौथे दिन रविवार को एक और शव निकाला गया, जिसकी पहचान मध्यप्रदेश के सिद्धि निवासी संजीत कुमार विश्वकर्मा के रूप में हुई। इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर क्7 हो गई है। मलबे में दबे वाहनों की तलाश के लिए अब मैग्नेटिक वेव का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि अंदर आयरन पाए जाने पर उस जगह की खुदाई की जा सके।

म्-8 लोगों के दबे होने की आशंका

उधर, डीजीएमएस राहुल गुहा ने रविवार को खदान का जायजा लिया। मौके पर कहा कि वेट डंप के फेल्योर होने के कारण दुर्घटना हुई है। वैसे टीम गहराई से मामले की जांच कर रही है। इससे पूर्व ओबी डंप में स्लाइड होने के कारण शनिवार शाम करीब सात बजे एनडीआरएफ की टीम ने मलबा हटाने का काम रोक दिया था। रविवार की सुबह ऊपर के मलबे को हटाया गया, जिसके बाद पुन: नीचे से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। कंपनी कर्मी और महागामा एसडीओ संजय पांडेय ने बताया कि अब भी छह से आठ लोगों के दबे होने की आश्ांका है।

रेस्क्यू टीम में किया गया बदलाव

इधर, रेस्क्यू टीम में काफी बदलाव किया गया है। ईसीएल के केंदा क्षेत्र की दो टीम, सीएमपीडीआइ के टेक्निकल एक्सपर्ट और राजमहल की टीम एनडीआरएफ को मदद कर रही है। मैग्नेटो मीटर व रजिस्टर वीटी की मदद से नीचे दबे वाहनों की गहराई का अनुमान कर मलबा हटाया जा रहा है। बताते चलें कि वाहन के साथ दबे शव का तो अनुमान इस विधि से लगाया जा सकता है, लेकिन जो लोग बिना वाहन के मिट्टी में दबे हैं उनका पता इस विधि से नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, अब तक मलबे से जो शव बरामद हुए हैं, उनमें दो को छोड़ शेष लोग गाडि़यों के साथ ही दबे थे।

परिजनों के नहीं थम रहे आंसू

जिन दो वाहनों का अवशेष शनिवार को बरामद हुआ था, उनमें पीसी को नालंदा बिहार का लड्डू यादव, जबकि वोल्वो ट्रीपर को हेहल रामगढ़ निवासी परवेज आलम चला रहा था। इन दोनों का शव अब तक बरामद नहीं हो पाया है, जिससे तीन दिनों से उनके परिजन परेशान हैं। परवेज के चचेरे भाई और लड्डू की पत्नी सोनी देवी के आंसू थम नहीं रहे हैं। शनिवार को मिले जिन दो शवों को लड्डू यादव व परवेज आलम का बताया गया था वह राजकमल गोस्वामी व जुल्फिकार अली के शव निकले।

Posted By: Inextlive