PATNA: पटना पुलिस लाइन में लेडी कांस्टेबल सविता पाठक की मौत के बाद तांडव मचाने वाले रंगरूटों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। आईजी नैय्यर हसनैन खां ने 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पुलिस लाइन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि अब तक के इतिहास में पुलिस के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। बर्खास्त पुलिसकर्मियों में 167 नए सिपाही हैं। इसमें 78 महिला और 89 पुरुष रंगरूट शामिल है। वहीं, आठ पुराने पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरी है। इसके साथ ही ट्रेनी लेडी कांस्टेबल सविता को छुट्टी नहीं देने वाले चार ट्रैफिक के जवानों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस की यह कार्रवाई अब तक सीसीटीवी फुटेज की शिनाख्त के बाद की गई है। पुलिस घटना के दूसरे दिन भी फुटेज खंगालती रही।

डीजीपी को सौंपी गई रिपोर्ट

रविवार को पटना रेंज के आइजी नैय्यर हसनैन खान ने प्रारंभिक जांच के आधार कार्रवाई रिपोर्ट डीजीपी केएस द्विवेद्वी को सौंप दी है। आइजी की रिपोर्ट में बवाल के पीछे दो मॉनिट¨रग अफसरों की लापरवाही का जिक्र है।

जांच के बाद 23 पुलिसकर्मी निलंबित

पुलिस ने जांच के बाद 23 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया है। इसमे चार ट्रैफिक के जवान भी शामिल हैं। इन जवानों पर नए सिपाहियों को छुट्टी की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन इन लोगों ने सही से अपनी भूमिका को नहीं निभाया। इस कारण पुलिस के आला अधिकारियों ने इन्हे भी निलंबित कर दिया है।

लंबे समय से जमे 93 कर्मियों के तबादले के आदेश

सविता की मौत के बाद लंबे समय से लाइन में जमे पुलिसकर्मियों का मामला प्रमुख रूप से उठ रहा था। रंगरूटों का आरोप था कि लंबे समय से जमे होने के कारण पुराने पुलिसकर्मी अपना रौब दिखाते हैं। इस कारण पुलिस ने इस एंगल पर जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक 93 ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो लंबे समय से एक ही जगह जमे हुए हैं। कई पुलिसकर्मी तो 10 साल से जमे हुए थे। ऐसे में आला अधिकारियों ने हेड क्वार्टर को तत्काल इनके तबादले के बारे में लिखा है।

Posted By: Inextlive