कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान खराब मौसम से दो दिन पहले 1500 से ज्यादा श्रद्धालु फंस गए थे। हालांकि अब मौसम थोड़ा ठीक होने से हवार्इयात्रा शुरू हो गर्इ है। यात्रियों को भी थोड़ी राहत मिली है।

मौसम में सुधार होने से मिली राहत
कानपुर। तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटने वाले भारतीय यात्रियों की भीड़ ने कल दोपहर के बाद से थोड़ी राहत महसूस की। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक थोड़े से अच्छे मौसम की वजह से मंगलवार को सिमिकोट हवाई अड्डे से लगभग एक दर्जन उड़ानों की अनुमति दी गई थी। इससे यहां फंसे यात्री और उनके परिजनों को भी थोड़ा सुकून मिला है एयरलाइंस ऑपरेटरों के मुताबिक, 150 से ज्यादा भारतीय तीर्थयात्रियों को मंगलवार को सिमिकोट से नेपालगंज तक ले जाया गया है।

हेलीकाॅप्टर से ले जाए जा रहें यात्री
वहीं 250 यात्री हिल्सा से सिमिकोट से हेलिकॉप्टर से जाए गए। सिता एयर अकेले सिमिकोट से 91 यात्रियों को ले गई। अभी तिब्बत में करीब 1,000 से अधिक यात्री हैं। बता दें कि बीते दो दिनों कैलाश मानसरोवर यात्रा दौरान खराब मौसम की वजह से काफी परेशानी हो रही थी।नेपाल-चीन सीमा लगातार बारिश की वजह से भूस्खलन हो रहा था। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र सिमिकोट-हिल्सा मार्ग में 1500 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे गए थे। इसमें दो श्रद्धालुओं की मौत भी हो गई थी।


सुषमा स्वराज काफी एक्टिव थीं

नेपाल में फंसे तीर्थयात्रियों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज काफी एक्टिव थी।वह फंसे यात्रियों और उनके परिजनों की हर संभव मदद के लिए लगातार ट्वीट कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं। सुषमा ने फंसे हुए यात्रियों व उनके परिजनों की हेल्प के हाॅटलाइन नंबर जारी किए हैं। भारत इन फंसे हुए श्रद्धालुओं को निकालने के भारत लगातार काठमांडू से संपर्क बनाए है।

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Posted By: Shweta Mishra