- सेंट्रल गवर्नमेंट ने कानपुर के 20 हॉस्पिटल्स का इंपैनलमेंट खत्म

- आयुष्मान भारत स्कीम के तहत इंपैनल होने के बाद भी नहीं कर रहे थे लाभार्थियों का इलाज

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पहले ही उठाया था मुद्दा

- क्लेम में देरी और पैकेज के कम रेट पर प्राइवेट हास्पिटल लाभार्थियों का इलाज करने में कर रहे आनाकानी

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KANPUR: सेंट्रल गवर्नमेंट की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत स्कीम के तहत इसके लाभार्थियों का इलाज नहीं करने वाले 20 हॉस्पिटल्स का इंपैनलमेंट खत्म कर दिया गया है. इन हॉस्पिटल्स ने 2019 के शुरुआती 5 महीनों में एक भी लाभार्थी का इलाज नहीं किया. जिन हॉस्पिटल्स का इंपैनलमेंट खत्म किया गया है, उसमें कुछ नामी हॉस्पिटल्स भी शामिल हैं. वहीं इस स्कीम के तहत हॉस्पिटल्स को मिलने वाले पैकेज के रेट को लेकर अभी भी नर्सिग होम एसोसिएशन से जुड़े हॉस्पिटल्स में सहमति नहीं बन सकी है. इसका असर यह हुआ कि सिटी में अभी तक जितने आयुष्मान लाभार्थियों का इलाज हुआ, उसमें से 60 फीसदी से ज्यादा सरकारी अस्पतालों में जाने वाले पेशेंट्स थे.

5 महीनों में एक भी पेशेंट का इलाज नहीं

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आयुष्मान भारत स्कीम के तहत प्राइवेट अस्पतालों के लाभार्थियों का इलाज नहीं करने की खबर प्रकाशित की थी. इसमें 20 अस्पतालों ने स्कीम शुरू होने के बाद से किसी पेशेंट का इलाज ही नहीं किया था. जबकि एक दर्जन से ज्यादा ऐसे हॉस्पिटल्स भी थे. जिन्होंने 5 महीनों में मात्र दो तीन पेशेंट्स का ही इलाज किया. इस स्कीम के तहत ट्रीटमेंट का ज्यादा फोकस सरकारी अस्पतालों ने किया. एलएलआर हास्पिटल आयुष्मान लाभार्थियों के ट्रीटमेंट के मामले में यूपी में दूसरे नंबर पर है.

और इंपैनलमेंट होंगे

सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला के मुताबिक कुछ हॉस्पिटल्स इस योजना के लाभार्थियों का ट्रीटमेंट नहंी कर रहे थे. इस वजह से उनका इंपैनलमेंट खत्म किया जा रहा है. ऐसे 20 से 22 अस्पताल चिन्हित किए हैं. वहीं 12 प्राइवेट अस्पतालों ने इस स्कीम के तहत इंपैनल्ड होने के लिए आवेदन किया है. जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

आईसीयू चार्ज पर सहमत नहीं

आयुष्मान भारत योजना के तहत पैकेज के जो रेट हैं. उनको लेकर शुरुआत से ही प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से आपत्ति जताई गई. इसके अलावा एमआरआई के लिए भी पेशेंट को भर्ती किए जाने का प्रावधान रखा गया है. वहीं आर्थोपेडिक से जुड़े आपरेशन हो या फिर मेजर सर्जरी या फिर आईसीयू का ट्रीटमेंट इन सबमें ट्रीटमेंट के पैकेज योजना के तहत बेहद कम होने पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स लाभार्थियों का इलाज करने में हिचक रहे हैं. वहीं एलपीएस इंस्टीटयूट ऑफ कार्डियोलॉजी की तरफ से भी कार्डिएक पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में एक अलग एलेक्टिव एंजियोग्राफी का पैकेज बनाने की मांग करते हुए प्रस्ताव शासन को भेजा है.

फैक्ट फाइल-

- 64 प्राइवेट हॉस्पिटल्स शामिल इस स्कीम में

- 16 सरकारी अस्पताल और सीएचसी शामिल इस स्कीम में

- 2.25 लाख लाभार्थी कानपुर में आयुष्मान योजना के

- 3100 से ज्यादा लाभार्थियों का हुआ इलाज इस साल अब तक

- हैलट, रामा हास्पिटल, कार्डियोलॉजी, उर्सला, डफरिन, जेके कैंसर, कांशीराम हॉस्पिटल्स में सबसे ज्यादा लाभार्थियों का इलाज

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वर्जन-

20 से 22 हॉस्पिटल्स ने आयुष्मान भारत स्कीम में इंपैनल होने के बाद 5 महीनों में एक भी पेशेंट का इलाज नहीं किया. इस वजह से उनका इंपैनलमेंट खत्म किया जा रहा है. कई हॉस्पिटल्स ने इंपैनलमेंट के लिए आवेदन भी किया है.

- डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ, कानपुर नगर

Posted By: Manoj Khare