RANCHI: रांची के व्यवसायी आशीष गुप्ता से नक्सली संगठन टीपीसी के नाम पर 20 लाख रंगदारी मांगने के मामले की तहकीकात डीएसपी ने शुरू कर दी है। दरअसल, पंडरा ओपी के थानेदार अनूप भेंगरा से जब जानकारी मांगी गई तो पता चला कि उन्होंने डिपार्चर दे दिया है। कोतवाली डीएसपी ने बताया कि वह थाने से रिलीव हो गए हैं। ऐसे में डीएसपी ने खुद थानेदार बन कर मामले का खुलासा शुरू कर दिया। मोबाइल कॉल डिटेल में पता चला कि 9 फरवरी को प्रसिद्ध सिंह के मोबाइल से व्यवसायी को फोन कर धमकी दी गई थी।

गुम हो गया था मोबाइल

मामले में जब प्रसिद्ध सिंह से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनका मोबाइल गुम हो गया था। हालांकि, धमकी के लिए मोबाइल के यूनिनॉर सिम का इस्तेमाल किया गया था। बताया जा रहा है कि आशीष गुप्ता को नक्सलियों ने नहीं, बल्कि उसके किसी परिचित ने ही धमकी दी है। बताया गया कि कॉलर ने तीन दिनों के अंदर रुपए नहीं पहुंचाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी है। रुपए नहीं देने पर गोलियों से भून देने की धमकी दी गई है। इसके बाद से आशीष सहित पूरा परिवार दहशत में है।

बोला कॉलर-कहां और कब जाते हो, सब पता है

व्यवसायी आशीष गुप्ता ने पुलिस को बताया है कि वे पंडरा में बस का वर्कशॉप चलाते हैं। उनके वर्कशॉप पर बस की मरम्मत का काम किया जाता है। रविवार की शाम 6.30 बजे मोबाइल पर फोन आया। कहा कि आशीष बोल रहा है। इसके बाद कहा कि तुम कहां रहते हो, कब आते-जाते हो, वर्कशॉप कहां पर है हमें सब पता है। इसके बाद खुद को टीपीसी उग्रवादी बताते हुए 20 लाख की रंगदारी मांगी। इसके अलावा फोन पर गाली-गलौज भी की।

बताई जगह पर पहुंचा देना 20 लाख

व्यवसायी ने पुलिस को बताया कि टीपीसी के उग्रवादी ने फोन पर कहा कि तीन दिन बाद वह उसे दोबारा फोन करेगा। उस दिन बताएगा कि रंगदारी की रकम कहां पहुंचानी है। फोन अगर नहीं उठाया तो फैक्ट्री तक लोग पहुंच जाएंगे। इसलिए चुपचाप बताई जगह पर 20 लाख पहुंचा देना। पुलिस में अगर शिकायत की तो महंगा पड़ेगा। हालांकि पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

कोट

इस मामले का उद्भेदन कर लिया गया है। जल्द ही पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लेगी।

अजीत कुमार विमल, डीएसपी, कोतवाली

Posted By: Inextlive