देहरादून में कुरान शरीफ का अनोखा म्यूजियम। संस्कृत सहित स्थानीय और दुनिया की दर्जनो भाषाओं में लिखी ऐतिहासिक कुरान सहेजी गई...

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DEHRADUN: पाक माह-ए-रमजान में आपको दुनिया भर में फेमस एक इंड्रस्ट्रियलिस्ट के अनोखे शौक से रुबरू कराते हैं, जिन्हें कुरान सहेजने का शौक है. उन्होंने अलग-अलग भाषाओं, वजन, डिजायन और साइज वाली 2000 से अधिक कुरान सहेजी है. उनके पास दुनिया की सबसे पहली कुरान की रिप्लिका से लेकर महज 2 ग्राम वजनी कुरान, ढाई टन की कुरान, एक दर्जन से अधिक तरह के एनिमल्स की स्किन पर लिखी कुरान, लकड़ी,पत्थर,चावल,लोहा,कपड़ा,सोना,चांदी,हीरे,मोती वाली कुरान का संग्रह है. कुरान का संग्रह तैयार करने वाले ये उद्योगपति है दुनिया में फेमस दवा कंपनी हिमालय ड्रग्स की देहरादून युनिट के डायरेक्टर डॉ. सैयद फारूख. उन्होंने देहरादून में स्थित अपनी आलीशान कोठी को ही कुरान म्यूजियम का रूप दे दिया है. इन कुरानों को जुटाने और देखरेख में वे हर वर्ष कई लाखों रूपए भी खर्च करते हैं. इस कुरान म्यूजियम को रमजान के पाक महीने में विजिटर्स के लिए खोला गया है. हजारों लोग कुरान देखने उमड़ रहे हैं.

ऐसे जुड़ता गया कारवां
अपने पिता की जीवनी लिखने के दौरान उनका सहेजा हुआ सामान टटोला तो कुरान शरीफ की कुछ प्रतियां मिली, जो अलग अलग स्टाइल और भाषाओं में थी. ऐसे में सैयद फारूखी के उनके मन में आया कि क्यों न कुरान शरीफ का एक म्यूजियम बनाया जाए. बस फिर क्या था कुछ उनका प्रयास, कुछ जानने-पहचानने वालों का सहयोग. देखते-देखते उनके पास 2000 तरह की कुरान का संग्रह तैयार हो गया. अपने घर में ही खोले गए इस कुरान म्यूजियम की देखरेख के लिए तीन कर्मचारी तैनात किए हैं और हर वर्ष लाखों रुपया इसके मैंटेनेस पर खर्च करते हैं

संस्कृत से लेकर स्थानीय भाषाओं में कुरान
उनके म्यूजियम में संस्कृत भाषा में लिखी कुरान धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वालों के लिए भी बड़ा सबक है. देश के कई राज्यों की स्थानीय और दुनिया की दर्जनों भाषाओं में लिखी कुरान की प्रतियां उनके म्यूजियम में सुरक्षित हैं. संस्कृत के अलावा हिंदी, पंजाबी, चाइनीज, जैपनीज, पर्शियन, टर्किश लेंग्वेज की कुरान भी उनके संग्रह में शामिल हैं.

2 ग्राम से लेकर ढाई टन वजनी कुरान
उनके म्यूजियम में सबसे कम 2 ग्राम वजनी कुरान है. कागज पर बनी है. जबकि सबसे ज्यादा ढाई टन वजन की कुरान वुडन प्लेट्स पर बनी है. ढाई टन वजनी कुरान के हर पेज का वजन चार किलो से अधिक है. साइज की बात करें तो यहां अंगूठे के साइज से लेकर 20 फीट तक लंबी कुरान भी मौजूद है. जिसकी चौड़ाई 9 फुट 4 इंच है और इसे 6 पेज में लिखा गया है. इसे कपड़े के थान की तरह लपेट कर रखना पड़ता है.

दुनिया की पहली कुरान की प्रतिकृति भी
एग्जिबिशन में हजरत उसमान गनी की ओर से जमा की गई कुरान की कॉपी को लेकर दावा है कि यह दुनिया में सबसे पहले लिखी गई कुरान की प्रतिकृति है. जिसकी लंबाई 68 सेंटीमीटर और चौड़ाई 57 सेंटीमीटर है. वजन 80 किलोग्राम है. इस पवित्र कुरान में 1087 पेज हैं. खाल, पत्थर, शीशा, कपड़े, लकड़ी, सोना-चांदी के गिलाफ, काबा एवं दीगर धातुओं की कुरान भी उनके म्यूजियम में मौजूद हैं. . मोतियों, जरी,जरदोजी,एब्रॉयडरी वाली कुरान भी अट्रेक्ट करती हैं. एक दर्जन से अधिक ऐसी कुरान भी इस संग्रहालय में हैं, जिन्हें अलग-अलग एनिमल्स हिरन, भेड़, मछली, बकरी, खरगोश, अलपेका, ऊंट की स्किन पर लिखा गया है.

डिजिटल कुरान पढ़ी भी जाती है सुनी भी
सऊदी अरब से लाई गई सेंसर युक्त डिजिटल कुरान भी गजब है. पेपर पर प्रिंट की गई सामान्य सी लगने वाली इस कुरान की आयतों के शुरुआत और समाप्ति पर स्पेशल मा‌र्क्स हैं, जिन्हें एक रिचार्जेबल पेन से टच करते ही कुरान की आयतें स्पीकर पर सुनी जा सकती हैं. वॉल्यूम कम ज्यादा करने का ऑप्शन भी है.

संग्रहालय में 2 हजार से अधिक कुरान और पांच हजार से अधिक कुरान से जुड़ी छोड़ी-बड़ी ऐतिहासिक वस्तुएं सहेजी गई है. यंग जनरेशन को कुरान शरीफ और धरोहर से रूबरू कराने का ये छोटा सा प्रयास है.

- डा. एस फारूख, इंडस्ट्रियलिस्ट, हिमालय ड्रग्स

Posted By: Ravi Pal