मिस्र की एक अदालत ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी का समर्थन करने वाली 21 महिला समर्थकों को 11 साल जेल की सजा सुनाई है.


इन सभी महिला समर्थकों को चरमपंथी समूहों से संबंध रखने, यातायात में बाधा डालने और पिछले महीने अलेक्जेंड्रिया शहर में तोड़फोड़ समेत कई अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है.इनमें से सात महिला समर्थकों की उम्र 18 वर्ष से कम है और इन्हें जुविनाइल जेल भेजा जायेगा.मानवाधिकार संगठनों ने इस सजा की कड़ी निंदा की है. एक कार्यकर्ता ने तो इस फैसले को पागलपन भरा करार दिया है.इन महिलाओं ने एक सुबह मोर्सी के समर्थन में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.इन महिलाओं के रिश्तेदारों के मुताबिक 'सेवेन एएम मूवमेंट' नामक समूह द्वारा बुलाया गया यह पहला प्रदर्शन था और यह प्रदर्शन शान्तिपूर्वक किया गया था.एक लड़की के परिवार ने बीबीसी को बताया कि उनकी बेटी प्रदर्शन के समय अपने स्कूल जा रही थी.


बचाव पक्ष के एक वकील ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा एक महीने की सजा होगी.लेकिन काहिरा में बीबीसी संवाददाता ओर्ला ग्वेरिन के मुताबिक इसके बजाए इन लड़कियों को उन पुलिसकर्मियों से लंबी सज़ा दी गई, जो आम नागरिकों की हत्या और गंभीर रूप से घायल करने के दोषी ठहराए गए हैं.प्रताड़ना

इसके अलावा अदालत ने मुस्लिम ब्रदरहुड के छह नेताओं को भी प्रदर्शनों को भड़काने के लिए 15 साल जेल की सजा सुनाई है.एक रिपोर्ट के मुताबिक इन व्यक्तियों की अनुपस्थिति में उन पर मुक़दमा चलाया गया.यह फैसला राजधानी काहिरा में कई धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद आया है.इनमें महिलाओं का एक अन्य ग्रुप भी शामिल है, जिनका कहना है कि उन्हें पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और फिर रेगिस्तान में असहाय छोड़ दिया गया.

Posted By: Subhesh Sharma