मंगलवार शाम को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैकेंया नायडू देश में स्‍मार्ट सिटी बनाने के लिए तीसरी लिस्‍ट जारी करते हुए मीडिया के सामने उन शहरों के नाम घोषित कर दिए जो इस लिस्‍ट में शामिल किए गए हैं। इस वित्‍त वर्ष में 27 बची हुई स्‍मार्ट सिटी की जगहों को भरने के लिए कुल 63 नाम दिए गए थे जिन्‍हें 12 राज्‍यों से चुना गया है। आइये जाने कौन से हैं वो शहर। साथ भी हम आपको बतायेंगे 10 ऐसे शहरों के बारे में जिनकी वर्तमान हालत किस हद स्‍मार्ट सिटी के कांसेप्‍ट से दूर या पास है।

ये हैं वो 27 शहर
स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जारी की गयी तीसरी लिस्ट में 12 राज्यों के 27 शहर ये हैं, अमृतसर, कल्याण, उज्जैन, तिरुपति, नागपुर, अजमेर, औरंगाबाद, हुबली, ग्वालियर, हुबली-धारवाड़, जालंधर, कल्याण-डोम्बीवली, कोहिमा, कोटा, मदुरै, मंगलौर, नामची, नासिक, राउरकेला, सेलम, शिवमोगा, ठाणे, तंजावुर, तुमकुर, वडोदरा, वेल्लोर, कानपुर, आगरा और वाराणसी। इस सूची में सबसे ज्यादा 5 शहर महाराष्ट्र के हैं वहीं 4-4 शहर तमिलनाडु और कर्नाटक के हैं, 3 शहर यूपी के जबकि 2-2 शहर मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं। इनके अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, नागालैंड और सिक्किम के एक-एक शहर को शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी बताया कि इस घोषणा के साथ ही कुल 60 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 1,44,742 करोड़ रुपए का प्रावधान भी कर दिया गया है।

अमृतसर: पंजाब का ये शहर अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है पर स्मार्ट सिटी के कांसेप्ट में बेहतर जल सुविधा देने की बात कही गयी है जल भराव की नहीं जो इस शहर की एक स्थायी समस्या है।

उज्जैन: आस्था की नगरी उज्जैन भी इस बार की सूची में शामिल है लेकिन आधारभूत सुविधाओं के मामले में ये शहर काफी पीछे है। खास तौर पर यहां की बिजली पानी की व्यवस्था।

तिरूपति: भक्ति का शहर तिरूपति भी स्मार्ट शहर की सूची में शामिल तो हो गया है स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बिल्डिंग्स की जो शर्त है उसे पूरा करने के लिए सरकार क्या करेगी।

नागपुर: संतरों का शहर नागपुर भी आधारभूत नागरिक सुविधाओं के मामले में कतई स्मार्ट नहीं है, जबकि इस विचार के कांसेप्ट में बेहतरीन नागरिक सुविधायें पहली शर्त है।

कोहिमा: छोटा सा खूबसूरत शहर है कोहिमा यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बिना शक इसे स्मार्ट सिटी बनाता ळै पर बिल्डिंगों के र्निमाण से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक अभी यहां कई काम किए जाने बाकी हैं।

मदुरै: स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जो खास बाते हैं उसमें सफाई, शिक्षा और आवश्यक नागरिक सुविधायें सबसे महत्वपूर्ण हैं। दक्षिण भारत के शहर मदुरै में सबसे बड़ी आवश्यकता तो जल आपूर्ति की है और उसके बाद सफाई और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए भी काफी काम होना है।

राउलकेला: स्टील सिटी राउलकेला को प्रदूषण मुक्त करके स्मार्ट सिटी के मानकों पर खरा उतारने के लिए सरकार और प्रशासन को काफी मेहनत करनी होगी।

सेलम: इस छोटे शहर को स्मार्ट शहर बनाने के लिए इस आधुनिक कांसेप्ट की पांच शर्ते पूरी करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। ये पांच शर्ते हैं, जल आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति, अच्छी सड़कें, बेहतर इमारतें, और शिक्षा व्यवस्था।

थाणे: महाराष्ट्र का थाणे शहर प्राकृतिक सुंदरता और अच्छी इमारतों से सम्पन्न है लेकिन अभी काफी काम करना बाकी है। जिसमें अच्छी सड़के, बेहतर ट्रांसपोर्ट, जल भराव से मुक्ति और शिक्षा की व्यवस्था शामिल है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश का व्यवसायिक नगर कानपुर भी इस विचारधारा के अनुसार विकसित करना एक बड़ी चुनौती है। कानपुर का यातायात, आवासीय योजनायें, शहर के पुराने इलाकों में साफ सफाई और बिजली व्यवस्था सब के सब बुरी तरह अव्यवस्थित है और नागरिक सुविधा का ढ़ांचा चरमराया हुआ है।

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Posted By: Molly Seth