- पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने लगाया जुर्माना, बिनगवां स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से 6 बार लिए गए थे सैंपल, एक टेनरी पर भी 10 लाख जुर्माना

kanpur@inext.co.in

KANPUR : गंगा को पॉल्यूशन से बचाने के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, जल निगम द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है. जिसकी वजह से आए दिन लाखों लीटर सीवेज वेस्ट गंगा में गिर रहा है. इस लापरवाही की भनक पर बिनगवां एसटीपी की जांच के बाद एनजीटी के निर्देश पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 6 बार सैंपल भरे. जो जांच में मानक के विपरीत निकले. जल निगम पर प्रति सैंपल 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

इस डेट में भरे सैंपल

बिनगवां स्थित एसटीपी की क्षमता 210 एमएलडी है. यहां से सीवेज वेस्ट को ट्रीट कर सिंचाई के लिए पानी भेज दिया जाता है. पॉल्यूशन बोर्ड ने 5, 7, 8, 19 फरवरी, 19 व 27 मार्च को एसटीपी से ट्रीटेड वॉटर के सैंपल भरे थे. पानी में पॉल्यूशन की मात्रा मानक से कहीं अधिक पाई गई. अधिकारियों ने पाया कि एसटीपी का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.

(बॉक्स बनाएं)

जुनैद टेनरी पर 10 लाख जुर्माना

बंदी के बाद भी जुनैद टेनरी को चलते हुए पाया गया. इस पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने टेनरी पर 10.37 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. 17 जनवरी से 9 अप्रैल तक 12,500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया गया है. 15 दिन में जुर्माने की राशि को बैंक में जमा करना होगा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने शासन की टीम के साथ 9 अप्रैल को जाजमऊ क्षेत्र का निरीक्षण किया था, जिसमें टेनरी चलती हुई पाइर्1 गई थी.

हाइर्लाइट्स..

- रोज लाखों लीटर सीवेज वेस्ट सीधे गंगा में गिर रहा है

- पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम ने 6 बार सैंपल भरे

- फरवरी और मार्च महीने में टीम ने लिए थे सभी सैम्पल

- गंगा जल में पॉल्यूशन की मात्रा मानक से अधिक पाया गया

- बोर्ड की टिप्पणी एसटीपी का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा

''गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, जल निगम के महाप्रबंधक को नोटिस भेज दिया गया. यह जुर्माना उन्हें 7 दिन में जमा करना होगा.''

आशीष तिवारी, सदस्य सचिव, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

Posted By: Manoj Khare