>-ऑनलाइन अप्लीकेशन फैसिलिटी शुरू होने से रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में बढ़ी पासपोर्ट चाहनेवालों की संख्या

-साल 2013-14 में अब तक एक लाख पासपोर्ट इश्यू किए जा चुके हैं यहां से

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RANCHI (5 June) : रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में इन दिनों लंबी कतारें भी नहीं दिखती हैं और पासपोर्ट भी अधिक बन रहे हैं। रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस देश के सी कैटेगरी के पासपोर्ट ऑफिस में आता है और यहां देश के अन्य शहरों के सी कैटेगरी वाले पासपोर्ट ऑफिस से ज्यादा पासपोर्ट बन रहे हैं। पिस्का मोड़ स्थित गैलेक्सिया मॉल में स्थित इस पासपोर्ट ऑफिस में हर दिन फ्ख्0 से फ्ख्भ् नए पासपोर्ट अप्लीकेशन आ रहे हैं।

एक लाख पासपोर्ट बने हैं

साल ख्0क्फ्-क्ब् में अब तक रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में करीब एक लाख लोगों का पासपोर्ट बना है। यहां के रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर मिस्टर सनातन बताते हैं कि रांची पासपोर्ट ऑफिस में हर दिन फ्ख्0 से फ्ख्भ् नए पासपोर्ट बनाने का अप्लीकेशंस आते हैं। इस साल करीब एक लाख नए पासपोर्ट इश्यू किए गए हैं। इसके अलावा पुराने पासपोर्ट का रिन्युअल भी किया गया है। उन्होंने बताया कि रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में जब से मैनुअल काम बंद हुआ है, तब से यहां ऑनलाइन अप्लीकेशंस सबमिट हो रहे हैं और इससे पासपोर्ट बनवानेवालों की संख्या भी बढ़ रही है.

यह है सी कैटेगरी

पूरे देश के पासपोर्ट ऑफिसेज को तीन कैटेगरीज में बांटा गया है। इसमें ए, बी और सी कैटेगरी के पासपोर्ट ऑफिसेज शामिल हैं। जो पासपोर्ट ऑफिसेज हर साल दो लाख से ज्यादा नए पासपोर्ट इश्यू करते हैं, वो ए कैटेगरी में आते हैं। वहीं, जो पासपोर्ट ऑफिसेज दो लाख तक नए पासपोर्ट हर साल बनाते हैं, उनको बी कैटेगरी में रखा गया है। जबकि, हर साल एक लाख तक नए पासपोर्ट बनानेवाले पासपोर्ट ऑफिसेज को सी कैटेगरी में रखा गया है। रांची पासपोर्ट ऑफिस सी कैटेगरी में शामिल है।

एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुका है

रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को ख्0क्ख्-क्फ् में पूरे देश में सी कैटेगरी के पासपोर्ट ऑफिसेज में बेस्ट पासपोर्ट ऑफिस का अवार्ड दिया गया था। इस ऑफिस को एक्सीलेंस अवार्ड सर्टिफिकेट भी दिया गया था। ख्0क्ख्-क्फ् में करीब 8भ् हजार नए पासपोर्ट बनाए गए थे। लेकिन, कई फर्जी पासपोर्ट भी बने।

सबसे ज्यादा हजयात्रियों का बनता है

रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर मिस्टर सनातन ने बताया कि रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में सबसे ज्यादा पासपोर्ट हज पर जानेवाले लोगों का बनता है। रांची से हर साल करीब फ्000 से ज्यादा लोग हज पर जाते हैं। उनके लिए ग्रुप में पासपोर्ट बनता है। इसके अलावा बहुत सारे लोग, जिनको हज दूसरे साल जाना होता है, वो भी पहले से ही पासपोर्ट बनवाकर रखते हैं। इसके अलावा रांची में जितने भी टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स हैं, वहां के स्टूडेंट्स भी पासपोर्ट बनवाते हैं।

यहां से आतंकी व हत्यारे भी बनवा चुके हैं पासपोर्ट

महिला सांसद फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेरसिंह राणा का पासपोर्ट रांची से बना था। इसका खुलासा तब हुआ था, जब उसे पुलिस ने हत्याकांड के आरोप में पकड़ा था। उस समय यहां के एसडीओ विनय कुमार सिंकू थे। उस पासपोर्ट पर उन्हीं का सिग्नेचर था। वहीं, एक आतंकी ने अपना पासपोर्ट रांची से बनवाया था, जिसका खुलासा आतंकी ने गुजरात एटीएस की टीम के समक्ष किया था। पासपोर्ट में उसने अपना ओरिजनल नाम और पता छिपा लिया था। पासपोर्ट बनने के बाद तत्कालीन हटिया डीएसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने जांच भी की थी।

इन स्तरों से गुजरता है पासपोर्ट अप्लीकेशन

- पासपोर्ट का अप्लीकेशन देने के बाद उसकी लोकल थाना और स्पेशल ब्रांच द्वारा जांच की जाती है।

- जांच के बाद उसे एसएसपी ऑफिस भेजा जाता है।

- एसएसपी दोबारा जांच प्रक्रिया के लिए अप्लीकेशन को थाना भेज देते हैं।

- स्पेशल ब्रांच और पासपोर्ट ब्रांच के अधिकारी अप्लीकेशन को वेरिफाई करते हैं।

- इसके बाद अप्लीकेंट को बुलाकर वेरिफाई किया जाता है। उसके बाद उसे पासपोर्ट ऑफिस भेज दिया जाता है, जहां से फाइनली पासपोर्ट इश्यू किया जाता है।

'रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में हर दिन करीब फ्ख्0 से फ्ख्भ् पासपोर्ट अप्लीकेशंस आ रहे हैं। ख्0क्फ्-क्ब् में अब तक करीब एक लाख लोगों को पासपोर्ट इश्यू किए गए हैं। रांची रीजनल पासपोर्ट ऑफिस सी कैटेगरी में आता है। इस साल भी सी कैटेगरी में रांची पासपोर्ट ऑफिस ने बहुत अधिक पासपोर्ट इश्यू किए हैं.'

-मिस्टर सनातन

रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर, रांची

Posted By: Inextlive