विवेक तिवारी केस : 36 घंटे बाद याद आई फॉरेंसिक जांच
lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : एप्पल कम्पनी के एएसएम विवेक तिवारी की हत्या के मामले में किस हद तक लापरवाही बरती गई, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घटना के 36 घंटे बाद अफसरों को फॉरेंसिक जांच कराने की याद आई जिसके बाद टीम ने घटना स्थल और दोनों गाडिय़ों की जांच पड़ताल की। विवेक मर्डर केस की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने रविवार को रविवार दोपहर फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर क्राइम सीन का रीकंस्ट्रक्शन किया। घटना स्थल पर ब्लड के साथ रोड पर टायर के निशान का सैम्पल लिया। इसके बाद गोमती नगर थाने में खड़ी विवेक की कार और आरोपी सिपाही की बाइक की भी जांच पड़ताल की।
फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल सैम्पल जमा किए
आईजी रेंज सुजीत पांडेय के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम ने रविवार को अपना काम शुरू कर दिया है। दोपहर करीब 2 बजे आईजी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। जांच के लिए फॉरेंसिक और बैलेस्टिक टीम को भी बुलाया गया था। दस सदस्यीय एसआईटी की टीम ने सबसे पहले उस जगह पर छानबीन शुरू की जहां पर विवेक तिवारी को गोली मारी गयी थी। फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए मौके पर सड़क के नमूने, टायर के निशान और सिपाहियों की बाइक का टूटा ग्लास कब्जे में लिया। इसके अलावा फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पड़ी पान मसाले की पुडिय़ा, सिगरेट के टुकड़े को भी कब्जे में लिया। जहां पर विवेक को गोली मारी थी और जहां उसकी कार का एक्सीडेंट हुआ उसकी दूरी पर नापी गई। जो कि 2.58 मीटर है। घटनास्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसके बाद पहले घटनास्थल के बाद एसआईटी की टीम दूसरे घटनास्थल पहुंची जहां पर विवेक की गाड़ी खंभे से टकरायी थी। वहां पर भी एसआईटी और फॉरेंसिक की टीम ने सड़क पर बिखरे विवेक के खून के नमूने और विवेक की गाड़ी से टूटे पाट्र्स को जमा किया।
सना से मौके पर आने से किया इंकार
एसआईटी की टीम गोमतीनगर थाने पहुंची। वहां विवेक की गाड़ी और आरोपी सिपाहियों की बाइक खड़ी थी। बैलेस्टिक टीम ने विवेक की गाड़ी और आरोपी सिपाहियों की गाड़ी की पूरी जांच की। इसके बाद एसआईटी की टीम ने घटना की चश्मदीद सना को मौके पर बुलाने के लिए सम्पर्क किया, लेकिन सना ने तबियत खराब होने की बात कहते हुए मौके पर आने से इनकार कर दिया।
एसआईटी जांच की समय सीमा तय नहीं
एक तरफ जहां पुलिस के अधिकारी एसआईटी जांच के बाद सारे सवालों का जवाब देने की बात कह रहे है, वहीं दूसरी तरफ अभी यह भी तय नहीं हो सका है कि एसआईटी जांच कितने समय में पूरी होगी। इस बारे में जब एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईजी सुजीत पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जांच की कोई समय सीमा नहीं है। एसआईटी की पूरी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर ली जाए। जांच कितने समय में पूरी होगी, यह कह पाना अभी आसान नहीं है।
इन सवालों का जवाब तलाशने में जुटी एसआईटी
1. विवेक तिवारी की गाड़ी पहले से रूकी थी या फिर आरोपी सिपाहियों ने रूकवायी थी?
2. पीडि़त और आरोपियों के बीच क्या बातचीत हुई थी?
3. क्या विवेक और सिपाहियों की गाड़ी में टक्कर हुई थी तो कैसे?
4. किन वजहों से पुलिस वाले ने गोली चलायी थी?
5. सना की सूचना पर सबसे पहले कौन पुलिस वाला पहुंचा था?
6. परिवार वालों को समय पर सही सूचना क्यों नहीं दी गई?
7. परिवार की जगह सना की तहरीर पर एफआईआर क्यों दर्ज की गई?
8. आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी हिरासत में होने के बावजूद थाने एफआईआर दर्ज
कराने कैसे पहुंचा?
9. विवेक को गोली कितनी दूर से मारी गयी थी?
10. विवेक की सीट जहां सना बैठी थी वहां पर खून कैसे लगा?
11. गेयर लीवर पर भी खून मिला है वह कैसे लगा और किसका है?