छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पूर्वी सिंहभूम में पारा शिक्षकों के हड़ताल के पहले दिन ही असर दिखने लगा। 330 नव प्राथमिक विद्यालयों में 36 विद्यालय खुले ही नहीं। मुसाबनी प्रखंड के 36 नवप्राथमिक विद्यालयों में प्रतिनियिुक्त शिक्षकों ने काम करने से इंकार कर दिया। इस कारण यहां के एक भी स्कूल नहीं खुले। इससे इन स्कूलों के 1600 बच्चें पूरी तरह शिक्षा से वंचित रहे। एमडीएम भी इन स्कूलों में नहीं बना। जिला शिक्षा विभाग की ओर से नव प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा विभाग की ओर से नजदीक के विद्यालयों से एक-एक शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया था। लगभग सभी विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित रहा।

क्लासेज का मर्जर

प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में दो-तीन कक्षाओं के छात्रों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया गया। इस कारण पठन-पाठन प्रभावित हुआ। पहले दिन 2198 पारा शिक्षकों में से एक हजार पारा शिक्षकों के हड़ताल में शामिल रहने की सूचना विभाग को प्राप्त हुई है। जानकारी के अनुसार पारा शिक्षकों की हड़ताल सोमवार से जोर पकड़ने वाली है।

शिक्षक संघ का भी समर्थन

इधर, अखिल झारखंड शिक्षक संघ ने पारा शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन करते हुए शिक्षकों से अपील की है कि पारा शिक्षक के स्थान पर प्रतिनियोजित होने वाले शिक्षक पारा शिक्षक की जगह कार्य न करें। संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को भी पत्र समर्पित कर अनुरोध किया गया है कि पारा शिक्षकों के स्थान पर सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियोजित न करें।

पारा शिक्षकों ने दिया धरना

साकची स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र के सामने जमशेदपुर प्रखंड के पारा शिक्षकों ने एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी के नेतृत्व में धरना दिया। जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी ने सरकारी शिक्षकों से भी अपील की है कि वे सोमवार से प्रतिनियोजित स्कूल में अपना कार्य न करें तथा पारा शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन करें।

पारा शिक्षकों को 72 घंटे का अल्टीमेटम

पारा शिक्षकों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अपने कार्य में लौटने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने बताया कि पारा शिक्षक 20 नवंबर तक स्कूलों में योगदान शुरू कर दें वरना उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी।

Posted By: Inextlive