जलमल युक्त गंदा पानी नालियों से होता हुआ गिर रहा है नाले में

सॉलिड और लिक्विड वेस्ट की हुई जांच, पानी का लिया सैंपल

Meerut. मेरठ सिटी और कैंट रेलवे स्टेशन से करीब 97 ट्रेनें गुजरती हैं. इनमें से ज्यादातर ट्रेनों को स्टेशनों पर पानी की सप्लाई दी जाती है तो वहीं बायो टॉयलेट एवं सामान्य टायलेट की सफाई भी होती है. टायलेट के बाद सफाई में करीब 4.5 लाख लीटर पानी स्टेशनों पर खर्च हो रहा है तो वहीं यह जलमल युक्त गंदा पानी नालियों से होता हुआ किसी नाले में गिर रहा है. इसी तरह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी स्टेशनों पर खास बंदोबस्त नहीं है. सिटी स्टेशन से कूड़ा नगर निगम को दे दिया जाता है तो गावड़ी स्थित डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जा रहा है. दरअसल, मुख्यालय के निर्देश पर बीते मंगलवार को पहली बार यूपीपीसीबी की टीम ने मेरठ सिटी और कैंट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण और ड्रेनेज और सॉलिड वेस्ट का सैंपल लिया था. जिसमें ये चौंकाने वाली स्थिति सामने आई.

ये मिली थी अव्यवस्था

मेरठ के सिटी और कैंट रेलवे स्टेशन के पर्यावरण और प्रदूषण की जांच यूपीपीसीबी की टीम ने की थी.

बीते मंगलवार को क्षेत्रीय अधिकारी आरके त्यागी, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी योगेंद्र कुमार की टीम ने स्थितियों को देखा था

टीम ने स्टेशन पर सफाई व्यवस्था और पेयजल से संबंधित सुविधाओं को भी परखा था.

स्टेशन पर लिक्विड और सॉलिड वेस्ट से संबंधित जांच के साथ-साथ सैंपल लिए गए.

स्टेशन पर निरीक्षण में टीम को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग डस्टबिन में मिला.

ट्रेनों का गंदा जलमल नालियों में बहता मिला. टीम ने पटरियों की साफ सफाई और पानी की निकासी के प्रबंध को भी परखा था.

पहली बार हुआ निरीक्षण

सिटी रेलवे स्टेशन पर पहली बार प्रदूषण टीम द्वारा निरीक्षण किया गया है. इससे पहले कभी भी स्टेशन पर सॉलिड या लिक्विड मैनेजमेंट की व्यवस्था की जांच नही की गई. टीम ने बताया कि प्रदेश स्तर पर सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन व बस डिपो पर क्षेत्रीय टीम प्रदूषण व पर्यावरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय भेज रही है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के निर्देश पर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के जलमल के डिस्पोजल के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना हो सकती है तो वहीं सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल के लिए भी प्रॉपर बंदोबस्त होगा.

एक साथ 12 स्टेशनों पर अभियान

जानकारी के मुताबिक यूपीपीसीबी के मुख्यालय से आए निर्देश के बाद बीते दिनों प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, प्रयागराज, बनारस समेत 12 स्टेशन्स पर एक साथ क्षेत्रीय अधिकारी के नेतृत्व में निरीक्षण किया गया. मेरठ में क्षेत्रीय अधिकारी की टीम ने लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट व्यवस्था की जांच की. रेलवे स्टेशन परिसर और रेलवे कालोनी से निकलने वाले ड्रेनेज का सैंपल लिया और देखा इस गंदे का डिस्पोजल हो रहा है या नहीं. टीम को रेलवे परिसर, कॉलोनियों और रेलवे ट्रैक से निकलने वाला लाखों लीटर गंदा पानी नालियों के माध्यम से नालों में जाता मिला. जबकि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का भी प्रॉपर सिस्टम नहीं मिला.

मुख्यालय के निर्देश पर रेलवे स्टेशन पर सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था का निरीक्षण कर रिपोर्ट व सैंपल तैयार किए गए हैं. यह सैंपल जांच के बाद ही रिपोर्ट के बारे में कुछ कहा जाएगा.

आर के त्यागी, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

Posted By: Lekhchand Singh