- शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदनकत्र्ताओं के लिए आ‌र्म्स एक्ट की नियमावली में हुआ संशोधन, अब 2016 के प्रावधानों के तहत हो रही पड़ताल

-अब अवैध अतिक्रमणकारियों, अवैध कब्जेधारियों को नहीं मिलेगा शस्त्र लाइसेंस

GORAKHPUR: अगर आपने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और आपका संपत्ति विवाद चल रहा है तो आपको लाइसेंस नहीं मिलेगा। क्योंकि करीब 500 से ऊपर ऐसे आवेदनकत्र्ता हैं, जिनपर अवैध ढंग से कब्जा और अतिक्रमण का मामला है। ऐसे लोग शस्त्र लाइसेंस की दौड़ से पहले ही बाहर कर दिए गए हैं। दरअसल, आ‌र्म्स एक्ट की नियमावली में संशोधन के बाद पुलिस के साथ-साथ पात्र आवेदक के परीक्षा में तहसील प्रशासन की भूमिका अब बढ़ गई है। एंटी भू-माफिया के तहत आरोपियों, अवैध अतिक्रमणकारियों और अवैध निर्माणकत्र्ताओं को शस्त्र लाइसेंस नहीं जारी करने की तैयारी है। जिला प्रशासन के निर्देश पर तहसील प्रशासन अपनी रिपोर्ट भी लगाना शुरू कर चुका है।

आ‌र्म्स एक्ट में हुआ बदलाव

बता दें, गोरखपुर जिले में दिसंबर 2018 से शस्त्र लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। अभी तक चार हजार आवेदन फार्म भरे भी जा चुके हैं। लेकिन सभी आवेदकों को शस्त्र लाइसेंस मिलना मुश्किल है। क्योंकि आमतौर पर पुलिस वेरिफिकेशन में रिपोर्ट ओके मिलने के बाद शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती थी। तो वहीं तहसील प्रशासन की रिपोर्ट महज औपचारिकता होती थी। अब आ‌र्म्स एक्ट में बदलाव के बाद लाइसेंस प्रक्रिया को जटिल बना दिया गया है। वहीं कई नए नियमों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। यूपी में आ‌र्म्स एक्ट 2016 के तहत शस्त्र लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया संचालित हो रही है। इसी क्रम में तहसील प्रशासन से एसडीएम की रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। जिसमें आवेदक को कई कसौटियों से गुजरना पड़ रहा है।

शिकायत है तो लाइसेंस रद्द

तहसील स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है कि आवेदक कहीं भू-माफिया तो नहीं है। एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई की जद में आए आवेदक का आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे आवेदक जो सरकारी जमीन या तालाब पर कब्जा जमाए हैं। ऐसे लोगों को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। नगर निगम, नगर निकाय, ग्राम पंचायत आदि की जमीन या सड़क पर अतिक्रमण करने वालों को भी सूची से बाहर रखा गया है। वहीं अगर स्थानीय निकाय ने यदि किसी आवेदक पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया है तो वो आवेदक की श्रेणी से बाहर चला जाएगा।

बकाएदार को नहीं मिलेगा लाइसेंस

जारी शासनादेश में बकाएदार को भी लाइसेंस जारी न करने का निर्देश दिया गया है। तहसील प्रशासन, राजस्व विभाग से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब कर रहा है। सरकारी या गैर सरकारी संस्था के बकाएदार को भी शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। इसके लिए तहसील प्रशासन स्तर पर समस्त देयों का परीक्षण कराने के अलावा आवेदक से एफीडेविट लिया जा रहा है।

वर्जन

शस्त्र लाइसेंस के लिए जो भी शासन का आदेश आया है। उसी के अनुसार शस्त्र लाइसेंस जारी होंगे। शस्त्र लाइसेंस कब जारी होंगे। इसके लिए जब तक उच्च अधिकारियों का निर्देश प्राप्त नहीं हो जाता तब तक कुछ नहीं कहा सकता है।

अजीत सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट

Posted By: Inextlive