वास्तु वाइब्स का आपके अनुकूल होना क्यों है जरूरी? जानें ये 5 महत्वपूर्ण बातें
जब कभी वास्तु वाइब्स के बारे में चर्चा होती है तो लोग कहते हैं कि हमारा तो पुराना घर, मकान या फ्लैट है, हम इसमें क्या कर सकते हैं? कैसे इसको वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं? कैसे यहीं इसी घर में रह कर अपना जीवन वास्तु वाइब्स के साथ सरल बना सकते हैं? इसमें तो हम कुछ भी नहीं करा सकते हैं तोडफ़ोड़ तो बिल्कुल भी नहीं। वगैरह वगैरह।
तो मेरा बस एक ही प्रश्न उन लोगों से होता है कि तो क्या हम बाकी जीवन भी इसी तरह कष्ट में बिताए? इसी तरह के सवाल मेरे सामने आते हैं। मेरा इतना ही कहना है कि आज हम भवन को बगैर तोड़े-फोड़े ही बहुत हद तक उसको ठीक, वास्तु वाइब्स अनुकूल बना सकते हैं। बस स्वयं के अंदर एक तरह की हां को तो आने दें। आज जिस-जिस जगह मनुष्य रह रहा है वहीं पर वास्तु वाइब्स अपना कार्य कर रही हैं, फिर वह चाहे आप का घर हो, मकान हो, फ्लैट हो, कार्यलय हो, फैक्ट्री हो, अपनी हो या किराए की क्यों ना हो हर जगह उसकी तरंगे अपना कार्य कर रही हैं। बस जरूरत है जीवन में इसके प्रति सजगता की।
आज यदि हम किराए के हॉल में अपना कोई, कैसा भी कार्यक्रम कर रहे हैं तो वहां पर भी उनका कार्य चलता रहता है। यदि वहां की तरंगें सही होंगी तो आप का कार्यक्रम भी बहुत अच्छी तरह से संपन्न होगा। लोग आपकी, आपके प्रोग्राम की तारीफ करते जाएंगे। यदि वहां की तरंगें सही नहीं हुई तो आप के कार्यक्रम में भी आनंद नहीं आएगा, फिर आप चाहे जितना रूपया ही खर्च क्यों ना कर दो।
2. गृह स्वामी का कमरा दक्षिण पश्चिम की तरफ हो और पूजा घर उत्तर पूर्व में हो तो अच्छा है। कमरे में शयन के लिए पलंग इस तरह से लगा हो ताकि सोते समय व्यक्ति का सिर दक्षिण की तरफ और पैर उत्तर की तरफ हो तो अच्छा है।
3. यदि पलंग के नीचे कुछ रखने की जगह बनी है तो वह ऐसा सामान रखें जो जरूरी और उपयोगी हो। यहां बेकार के सामान ना रखें। पलंग के नीचे बच्चों के लिए भी छोटा पलंग रखा जा सकता है।