अक्‍सर लोग छोटी सी बीमारी या चोट लगने इतना सोचते हैं कि डिप्रेशन में चले जाते हैं। जबकि सही मायने में चोट और बीमारी का इलाज दवा और हिम्‍मत है डिप्रेशन नहीं। जिसका उदारहण कई बड़े खिलाड़ी हैं जो कैंसर व मिरगी जैसी गंभीर बीमारी होने पर भी हिम्‍मत नहीं हारे। उन्‍होंने बीमारी से जंग लड़ते हुए खेल के मैदान पर अपनी जीत की जंग जारी रखी। आइए मिलते हैं इन 5 खिलाड़ियों से...


सबसे नौजवान कप्तान बनने वाले भारत के टाइगर पटौदी भी एक कार हादसे का शिकार हो चुके थे। उस समय उनकी उम्र महज 21 साल रही और इस हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। पटौदी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक आंख से खेलकर क्रिकेट की दुनिया में बेहतर रिकॉर्ड बनाया। दक्षिण अफ्रीका के शानदार फील्डर जोंटी रोड्स मिरगी की बीमारी के शिकार रहे हैं। इस बीमारी से वह लंबे समय लड़े और अपने करियर पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया। आज वह गेंद रोकने की कला या रनआउट करने के लिए फेमस हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग उनसे फील्डिंग के टिप्स सीखते हैं।
पाक गेंदबाज शोएब अख्तर का नाम भी इस सूची में शामिल है। उनकी कोहनी में प्रॉब्लम थी और पैर सपाट थे। जिससे वह 5 साल की उम्र तक सीधे चल पाए थे, लेकिन शोएब ने हिम्मत नहीं हारी। आज उनकी कोहनी 40 डिग्री तक मुड़ जाती और 100 मील प्रतिघंटे रफ्तार वाली गेंदबाजी करते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra