- सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए हर साल भारी भरकम राशि खर्च की जाती

- संसाधन की कमी न होने के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग 121

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LUCKNOW शहर की सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नगर निगम के पास न तो संसाधन कमी है न ही बजट की. इसके बाद भी शहर में सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. यह सच्चाई खुद दो दिन से वार्डो में निरीक्षण कर रहे नगर आयुक्त के सामने आ चुकी है. उन्होंने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई तो की लेकिन हालात सुधरने में अभी वक्त लगेगा.

5 हजार से अधिक सफाईकर्मी

शहर में सफाई व्यवस्था के लिए पांच हजार से अधिक सफाई मौजूद हैं. इनमें संविदा कर्मी भी शामिल हैं. कुछ इलाकों में तो सफाई व्यवस्था कुछ ठीक है लेकिन ज्यादातर इलाकों में यह पूरी तरह फ्लॉप है. शहर के पुराने इलाकों में स्थिति काफी खराब है.

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नगर निगम सफाईकर्मी

- 5 हजार से अधिक सफाईकर्मी

- 2500 के करीब स्थाई सफाईकर्मी

- 49 कार्यदायी संस्थाएं निगम से जुड़ी

- 950 सफाईकर्मी कार्यदायी संस्थाओं के

-1550 के करीब संविदा सफाईकर्मी

3000 लाख खर्च का अनुमान

शहर में कूड़ा कलेक्शन में आरआर विभाग की गाडि़यों को लगाया गया है. इन सभी गाडि़यों को टाइम टेबिल के हिसाब से पेट्रोल-डीजल आदि दिया जाता है. हर साल पेट्रोल-डीजल पर भी लाखों खर्च होते हैं, इसके बावजूद डेली कई इलाकों से कूड़ा नहीं उठता. इसके साथ ही सकरी गलियों में ठेलों आदि की मदद से कूड़ा कलेक्शन होता जाता है. इन ठेलों की रिपेयरिंग में भी लाखों खर्च होते हैं.

खर्च एक नजर में

पेट्रोल-डीजल

- दिसंबर 18 तक 2176.84 लाख खर्च

- 2019-20 के लिए 3000 लाख खर्च का अनुमान

ठेलों की मरम्मत पर खर्च

2019-20 के लिए अनुमानित खर्च 20.00 लाख

वेतन से लेकर सफाई पर खर्च

सफाई कर्मियों की सैलरी, भत्तों आदि पर भी हर साल करोड़ रुपये खर्च होते हैं. जबकि निगम क्षेत्र में आने वाले वार्डो में डेली सफाई के हिसाब से भी काफी खर्च किया जाता है. इसके बाद भी जनता की ओर से सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए जाते हैं.

कुल खर्च एक नजर में

दिसंबर 17 तक 149.12 लाख खर्च

दिसंबर 18 तक 187.73 लाख खर्च

2019-20 के लिए 1000 लाख खर्च का अनुमान

क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था में खर्च

दिसंबर 18 तक व्यय-4460.65 लाख

2019-20 के लिए अनुमानित-7500.00 लाख

अधीनस्थ अधिष्ठान

इस मद में सफाई कर्मियों व उससे संबद्ध सुपरवाइजर, गैंग कुली आदि पर भी खर्च किया जाता है.

- माह दिसंबर तक 6922.29 लाख खर्च

- 2019-20 के लिए अनुमानित-10000.00 लाख

आरआर विभाग पर खर्च

निगम के आरआर विभाग की ओर से सफाई व्यवस्था में जिम्मेदारी निभाई जाती है. निगम प्रशासन की ओर से इस विभाग पर भी काफी खर्च किया जाता है.

- माह दिसंबर तक 507.96 लाख खर्च

- 2019-20 के लिए अनुमानित-1500 लाख

ईकोग्रीन के संसाधन

ईकोग्रीन कंपनी शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम करती है. अभी सिर्फ 55 फीसदी घरों से कूड़ा कलेक्ट हो रहा है. इसमें भी कई जगह डेली कूड़ा नहीं उठता है.

ईकोग्रीन कंपनी एक नजर में

1800 के करीब कर्मचारी

300 कुल ई-रिक्शा

478 हाथ रिक्शा

48 जीप

152 पीआईजिओ

90 मिनी टिपर

22 ट्रैक्टर ट्रॉली

वर्जन

शहर में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नए सिरे से कोशिश की जा रही है. वार्डो में निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था की हकीकत देखी जा रही है. जल्द ही शहर में सफाई व्यवस्था बेहतर होगी.

डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Posted By: Kushal Mishra