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PATNA : रंग-अबीर से सेहत को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए पटना की मंडियों में मेरठ, दिल्ली व लखनऊ से हर्बल गुलाल बिक्री के लिए आया है. यह थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन लोग सेहत को ध्यान में रखकर इसकी खरीदारी कर रहे है. इतना ही नहीं होली ने पटना सिटी के अबीर-गुलाल उद्योग को भी रंगीन कर दिया है. थोक मंडी मच्छरहट्टा में रंग अबीर गुलाल की बिक्री परवान चढ़ गयी है. यूं तो पटना में सूबे के बाहर से भी गुलाल आता है पर स्थानीय उद्योग को कम नहीं आंका जा सकता है. ब्रांडेड क्षेत्र में पटना सिटी के गुलाल की दखल है. यहां बने गुलाल बिहार, झारखंड और यूपी के शहरों में सुगंध बिखेर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो होली में लगभग 50 लाख रुपए के कारोबार रंग-अबीर का होली में होगा.

कार्टून कैरेक्टर वाले मुखौटे का है क्रेज

होली के रंग से चेहरा बेनूर नहीं हो और बालों की हिफाजत हो इसके लिए बाजार में म¨लगा, कैटरीना, साधु-संत, हिरोइन के स्टाइल के बाल, मुर्गा के बाल व लड़की के बाल के साथ पंजाबी दाढ़ी-जटा व जोकर शैली के कृत्रिम बाल बाजार में बिक रहे हैं. हालांकि, मुखौटा व वालों को ग्राहकों को तरजीह थोड़ी कम मिल रही है. मगर कार्टून कैरेक्टर वाले छोटा भीम, मिक्की माउस, ड्रैकूला, भूत-प्रेत व देवताओं की आकृति में तैयार मुखौटा भी बाजार में उपल?ध है.

हर्बल व स्प्रे रंग की मांग ज्यादा

होली के रंगीन बाजार में खुशबू व झाग वाले स्प्रे रंग के साथ हर्बल रंग का जलवा है. जबकि पोटीन को भी खरीदार तरजीह दे रहे है. थोक मंडी मच्छरहट्टा में रंग के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों की मानें तो चाइनिज आइटम में खुशबू व झाग वाले स्प्रे रंग के साथ हर्बल रंग उपलब्ध है. बाजार में दिल्ली व मुंबई से रंग आए हैं.

सिटी के उद्योग को प्रतिस्पर्धा

थोक मंडी मच्छरहट्टा में कारोबार से जुड़े नन्हकी मिश्र, राजकुमार चंद्रवंशी, मनोज दास की मानें तो दूसरे प्रांतों से आयी फैंसी टोपियों की वजह से पटना सिटी की टोपियों को ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं. सिटी के टोपी उद्योग प्रतिस्पर्धा झेलने की स्थिति में कारोबारियों ने निर्माण का स्वरूप बदलते हुए डिजाइनर टोपियां बना रहे है.

Posted By: Manish Kumar